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14 Nov 2016 · 1 min read

नारी की इज्ज़त जहां होती हैं

नारी की इज्ज़त जहाँ होती है
खुशियों की घड़ियाँ वहाँ होती है

इशारों इशारों में होती है बातें
मुहब्बत की ना कोई ज़ुबा होती है

हो जाए गर कोई घायल दिल फिर
उसकी फ़रियाद कहाँ होती है

जिस घर बेटी की गूंजती है गुंजन
उस घर फिर कोई न खिंजा होती

फिकर वालिद की बढ़ती है जाती
बिटिया उनकी जब जवाँ होती है

बातें किसी की ना बनाओ कँवल तुम
जमाने बातें फिर वो धुआँ होती हैं

बबीता अग्रवाल #कँवल

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