नारी की इज्ज़त जहां होती हैं
नारी की इज्ज़त जहाँ होती है
खुशियों की घड़ियाँ वहाँ होती है
इशारों इशारों में होती है बातें
मुहब्बत की ना कोई ज़ुबा होती है
हो जाए गर कोई घायल दिल फिर
उसकी फ़रियाद कहाँ होती है
जिस घर बेटी की गूंजती है गुंजन
उस घर फिर कोई न खिंजा होती
फिकर वालिद की बढ़ती है जाती
बिटिया उनकी जब जवाँ होती है
बातें किसी की ना बनाओ कँवल तुम
जमाने बातें फिर वो धुआँ होती हैं
बबीता अग्रवाल #कँवल