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8 Dec 2018 · 1 min read

नाम से तेरे

हाय ये हम पे कैसी करामात हो गई
जिसका था हमें डर वही बात हो गई

सांसो मे थी जो उलझने अब भुल गये हम
नाम से तेरे दिल को राहात हो गई

मिल जाऐ कुछ पल आराम की घड़ी
जुल्फो को उस ने खोल दिया रात हो गई

तुझसे मिलने कि मेरे मन मे थी आरजू
हो गई जो पुरी ये तो सौगात हो गई

गर जो मोहन कदम तु सहज से बढाएगा
जिदंगी फिर तेरी ये विख्यात हो गई

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