Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2024 · 1 min read

“नसीबे-आलम”

“नसीबे-आलम”
नसीबे-आलम क्या बतलाएँ,
कयामत तक इन्तजार कराती है।
आशिकी भी कम जालिम नहीं,
जख्म के साथ मरहम दे जाती है।

3 Likes · 3 Comments · 105 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
4660.*पूर्णिका*
4660.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कभी जब आपका दीदार होगा
कभी जब आपका दीदार होगा
सत्य कुमार प्रेमी
सांवरियाँ तेरे दर्शन करने- भजन अरविंद भारद्वाज
सांवरियाँ तेरे दर्शन करने- भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
समीक्षा- रास्ता बनकर रहा (ग़ज़ल संग्रह)
समीक्षा- रास्ता बनकर रहा (ग़ज़ल संग्रह)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
तेरी मेरी ज़िंदगी की कहानी बड़ी पुरानी है,
तेरी मेरी ज़िंदगी की कहानी बड़ी पुरानी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
संस्कार में झुक जाऊं
संस्कार में झुक जाऊं
Ranjeet kumar patre
--कहाँ खो गया ज़माना अब--
--कहाँ खो गया ज़माना अब--
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
संभावना
संभावना
Ajay Mishra
**नेकी की राह पर तू चल सदा**
**नेकी की राह पर तू चल सदा**
Kavita Chouhan
मदहोशी के इन अड्डो को आज जलाने निकला हूं
मदहोशी के इन अड्डो को आज जलाने निकला हूं
कवि दीपक बवेजा
🙅पक्का वादा🙅
🙅पक्का वादा🙅
*प्रणय*
अल्फाज (कविता)
अल्फाज (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
पर्यावरण सम्बन्धी स्लोगन
पर्यावरण सम्बन्धी स्लोगन
Kumud Srivastava
कोहिनूराँचल
कोहिनूराँचल
डिजेन्द्र कुर्रे
दर्द- ए- दिल
दर्द- ए- दिल
Shyam Sundar Subramanian
नरेंद्र
नरेंद्र
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
एक सत्य यह भी
एक सत्य यह भी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
बड़ी बहु को नौकर छोटी की प्रीत से
बड़ी बहु को नौकर छोटी की प्रीत से
नूरफातिमा खातून नूरी
प्राकृतिक जब ठहर जाती है।
प्राकृतिक जब ठहर जाती है।
Rj Anand Prajapati
मेरी पुरानी कविता
मेरी पुरानी कविता
Surinder blackpen
कोरोना चालीसा
कोरोना चालीसा
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
मानव के सूने मानस में तुम सरस सरोवर बन जाओ,
मानव के सूने मानस में तुम सरस सरोवर बन जाओ,
Anamika Tiwari 'annpurna '
कुछ तो बाक़ी
कुछ तो बाक़ी
Dr fauzia Naseem shad
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
ruby kumari
“मैं ठहरा हिन्दी माध्यम सा सरल ,
“मैं ठहरा हिन्दी माध्यम सा सरल ,
Neeraj kumar Soni
गंगा- सेवा के दस दिन (चौथादिन)
गंगा- सेवा के दस दिन (चौथादिन)
Kaushal Kishor Bhatt
" मगर "
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेम चेतना सूक्ष्म की,
प्रेम चेतना सूक्ष्म की,
sushil sarna
राह मे मुसाफिर तो हजार मिलते है!
राह मे मुसाफिर तो हजार मिलते है!
Bodhisatva kastooriya
मेरे सपनों का भारत
मेरे सपनों का भारत
Neelam Sharma
Loading...