“नशा इन्तजार का”
“नशा इन्तजार का”
पलकों में रुका रहा समन्दर खुमार का,
कितना अजीब नशा है तेरे इन्तजार का।
इस दिल की बेताबी कहाँ तक बताएँ हम,
कब्र में भी दिल धड़का नाम लेकर यार का।
“नशा इन्तजार का”
पलकों में रुका रहा समन्दर खुमार का,
कितना अजीब नशा है तेरे इन्तजार का।
इस दिल की बेताबी कहाँ तक बताएँ हम,
कब्र में भी दिल धड़का नाम लेकर यार का।