नववर्ष
नई आशा, नूतन उल्लास,
संघर्षरत तू अनवरत।
हे कर्मवीर!तू कर्मरत,
जीवन तू जीया समझ व्रत।
मैं चला पुराना साल तुम्हें दे नववर्ष!
तू जी सहर्ष, तू जी सहर्ष, तू जी सहर्ष!
–‘प्यासा”
नई आशा, नूतन उल्लास,
संघर्षरत तू अनवरत।
हे कर्मवीर!तू कर्मरत,
जीवन तू जीया समझ व्रत।
मैं चला पुराना साल तुम्हें दे नववर्ष!
तू जी सहर्ष, तू जी सहर्ष, तू जी सहर्ष!
–‘प्यासा”