Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Apr 2019 · 1 min read

नववर्ष मंगलमय हो

नववर्ष मंगलमय हो !
______________
सत्य सनातन सभ्यता के रक्षक , हे उन्नत विचारों वाले ,
क्रुर , दु:सह दु:ख – जड़ता का विध्वंसक , हे उन्मत्त ! सुधारों वाले !
सत्यता की मलिन दशा क्यों हो गयी है आज ,
बन्धु लूटे खूब बान्धव को , है नहीं बची कुछ लाज !
लूट रही संपदा विविध , सर्वत्र लगी है आग ,
आतंकों से आतंकित कर जिहादी, खूब मनावे फाग !
मिट रहा जो सभ्यता प्रतिक , क्या सचमुच छिट पायेगा ,
संस्कारों की धूमिल छवि से,
क्या भारत मिट जायेगा !
नहीं! नहीं ! है असंभव , अप्रतिम यह संस्कृति संस्कार ;
क्या मिट सकता सूर्य-चन्द्र , या निति-नियामक हिन्द तप विहार !
भले मिट जायें मानने वाले योद्धा धर्म स्वरूप ,
विघटित होकर भी रखेंगे , इतिहास जीवंत प्रारुप ।
छोड़ें यह संक्रमण कालखंड ,
नयी नवीनता लाया है बसंत ,
हों उल्लसित प्रफुल्लित हों निर्मल , कुटिलताओं का करें अंत ।
तन से बन विरले – समरशूर , करें ब्रह्मांड का उन्नयन उत्कर्ष ,
मन से मंगलमय सदा दृढ़ बन , फैला दें भास्वित भास्वर हर्ष ,
विश्व शांति मानवता का जोत जला , दूर करें अन्यान्य अपकर्ष ;
हे धरा के प्रहरी, वीर प्रबुद्धजन , आयें मनायें शाश्वत नववर्ष ।
यह नववर्ष नवीनता का स्वरुप ले , अनंत खुशियां लाया है ,
वन वृक्षों से हरे भरे , नयी हरियाली मन भाया है ।
वन्यजीवों में खुशियां छाई , सब प्राणी हैं उत्कर्ष में ,
हर स्वरूप नवीनतम देख पुलकित , विहगों का झुंड बड़े हर्ष में ।
आयें सभ्यता के यशस्वी रक्षक बन , मंगल हर्ष मना लें हम ,
पावन चैत्र शुक्ल तिथि प्रतिपदा को, अपना नववर्ष मना लें हम ।

✍? आलोक पाण्डेय
(वाराणसी ,भारतभूमि)

Language: Hindi
408 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
परम प्रकाश उत्सव कार्तिक मास
परम प्रकाश उत्सव कार्तिक मास
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
इस दिल में .....
इस दिल में .....
sushil sarna
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
" करवा चौथ वाली मेहंदी "
Dr Meenu Poonia
"मातृत्व"
Dr. Kishan tandon kranti
*भले कितनी हो लंबी रात,दिन फिर भी निकलता है 【मुक्तक】*
*भले कितनी हो लंबी रात,दिन फिर भी निकलता है 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
इन्द्रधनुष
इन्द्रधनुष
Dheerja Sharma
गीतिका-
गीतिका-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
धिक्कार
धिक्कार
Dr. Mulla Adam Ali
The Saga Of That Unforgettable Pain
The Saga Of That Unforgettable Pain
Manisha Manjari
कभी रहे पूजा योग्य जो,
कभी रहे पूजा योग्य जो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
पंचचामर मुक्तक
पंचचामर मुक्तक
Neelam Sharma
■
■ "अ" से "ज्ञ" के बीच सिमटी है दुनिया की प्रत्येक भाषा। 😊
*Author प्रणय प्रभात*
डर-डर से जिंदगी यूं ही खत्म हो जाएगी एक दिन,
डर-डर से जिंदगी यूं ही खत्म हो जाएगी एक दिन,
manjula chauhan
बहुत-सी प्रेम कहानियाँ
बहुत-सी प्रेम कहानियाँ
पूर्वार्थ
परछाइयों के शहर में
परछाइयों के शहर में
Surinder blackpen
दोहा-
दोहा-
दुष्यन्त बाबा
वर्षा
वर्षा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जिस तरह से बिना चाहे ग़म मिल जाते है
जिस तरह से बिना चाहे ग़म मिल जाते है
shabina. Naaz
एक तरफा प्यार
एक तरफा प्यार
Neeraj Agarwal
Gulab ke hasin khab bunne wali
Gulab ke hasin khab bunne wali
Sakshi Tripathi
ख़त पहुंचे भगतसिंह को
ख़त पहुंचे भगतसिंह को
Shekhar Chandra Mitra
हर क्षण का
हर क्षण का
Dr fauzia Naseem shad
* ऋतुराज *
* ऋतुराज *
surenderpal vaidya
आओ दीप जलायें
आओ दीप जलायें
डॉ. शिव लहरी
यूँ ही क्यूँ - बस तुम याद आ गयी
यूँ ही क्यूँ - बस तुम याद आ गयी
Atul "Krishn"
बहुत हैं!
बहुत हैं!
Srishty Bansal
There is no shortcut through the forest of life if there is
There is no shortcut through the forest of life if there is
सतीश पाण्डेय
23/116.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/116.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बाल कविता: नानी की बिल्ली
बाल कविता: नानी की बिल्ली
Rajesh Kumar Arjun
Loading...