नर नारी
नर सृष्टि में बीज ब़म्ह का, नारी उसकी माया
सृष्टा की शक्ति है माया,सारा संसार बनाया
अलग नहीं एकात्म रूप हैं,सृष्टा ने उपजाया
ईश्वर अंश समान रूप से, दोनों में ही समाया
प्रकृति स्वरूपा नारी शक्ति, ईश्वर की अनुपम माया
ब़म्ह बीज और नारी ने, धरती पर संसार बसाया
आयुष्य पूर्ण कर धरती पर, ब़म्ह में पुनः समाया
स्वछंद नहीं हैं दोनों ही,पूरक दोनों को बनाया
एक दूजे विन दोनों अधूरे, यही ब़म्ह की माया
सारी दुनिया में एक जोड़े ने,ये संसार बनाया
अलग-अलग नामों से सबने, पहले जोड़े को पुकारा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी