*”नमामि देवी नर्मदे”*
“नमामि देवी नर्मदे”
नमामि देवी नर्मदे हर हर कहते तुम्हें नमन।
शिव के पसीने से प्रगटी हो करें आत्मचिंतन।नर्मदा जल पवित्र पावन हो जाये जब दर्शन।
सुख देने वाली जलधारा मगरमच्छ है वाहन।
अमरकंटक से निकली मेखला सुता मनभावन।
मध्यप्रदेश की जीवन रेखा वृहद संगम पहचान।
गंगा में डुबकी लगाते नर्मदा का दर्शन महान।
कलकल बहती छलकती बदल दे सारा जीवन।
नर्मदा अनंत जल धाराओं में बहती हुई सघन।
नर्मदा का वजूद सौंदर्य हाथ जोड़ करते नमन।
हरेक पत्थर कंकड़ शंकर दिव्य चक्षु से दर्शन।
विशाल हॄदय साक्षात दर्शन करे पूजन अर्चन।
मानवता अब भ्रष्ट हो अचानक बदला जीवन।
निर्लज्ज मन समझे न मलीन कर जल पावन।
नर्मदा सब कुछ जाने ले जाये एक दिन तनमन।
शशिकला व्यास शिल्पी ✍️
नमामि देवी नर्मदे हर।