ध्यान क्या है और ध्यान कैसे शुरू करें व ध्यान के लाभ। भाग 2 | रविकेश झा।
नमस्कार दोस्तों आज बात कर रहे हैं ध्यान के बारे में, ध्यान क्या है ध्यान के क्या लाभ है और ध्यान कैसे शुरू करें।
ध्यान क्या है ?
ध्यान एक ऐसी प्रकिया है जिसमें हम अपने मन को एकाग्र करके अपने विचारों, भावनाओं और शरीर को समझने का प्रयत्न करते हैं। यह एक आंतरिक प्रक्रिया है जो दर्शन और योग में पाया जाता है। ध्यान एक ऐसा अभ्यास है जो लोगों को ध्यान केंद्रित करने और अपने मन को शांत करने में मदद करता है। इसमें आप श्वास अभ्यास, Mindfulness और एकाग्रता जैसी तकनीकें शामिल हैं। बहुत से लोग तनाव को कम करने स्वयं की खोज और मानसिक सपष्टता में सुधार के लिए ध्यान का उपयोग करते हैं। आप ध्यान के मध्यम से मन के जो अलग-अलग भाग है उसे हम जान सकते हैं, अपने भीतर चक्र को जगा सकते हैं। अभी मूर्छा में जी रहे हैं होश में आ सकते हैं। और स्वयं को रूपांतरण कर सकते हैं।
कोई भी व्यक्ति अपने अनुभव के स्तर की परवाह किए बिना ध्यान करना शुरू कर सकता है। इसके लिए विशेष उपकरण या बहुत अधिक समय की आवश्यकता नहीं होता है। बस शांत जगह और कुछ मिनट शुरू करने के लिए पर्याप्त है। और धीरे धीरे आनंद आना शुरू हो जाता है।
ध्यान के लाभ
जो लोग नियमित रूप से ध्यान करते हैं, उन्हें अक्सर कई लाभ मिलते हैं। इसमें स्वयं की खोज, चिंता में कमी, बेहतर नींद, और बेहतर भावनात्मक स्वास्थ्य शामिल हैं। ध्यान आत्म-जागरूकता बढ़ाने और शांति की भावना को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। आप जागरूकता के साथ स्वयं की भी खोज कर सकते हैं। मैं पहले लिख चुका हूं और आप सर्च करके पढ़ सकते हैं गूगल पर भी उपलब्ध है। ध्यान का लाभ ही लाभ दिखाई देता है, बस आप शुरू करें और लाभ हानि की चिंता किए बिना जागरूकता के साथ ध्यान प्रतिदिन करें।
अध्यन से पता चलता है कि ध्यान फोकस और एकाग्रता में सुधार कर सकता है। यह लोगों को अवसाद और पुराने दर्द, बीमारी जैसी कुछ स्वास्थय स्थितियों के लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है।
ध्यान के प्रकार
विभिन्न प्रकार के ध्यान अभ्यास उपलब्ध हैं। कुछ लोकप्रिय में शामिल हैं। Mindfullness मेडिटेशन आपको वर्तमान में मौजूद रहने पर ध्यान केंद्रित करता है। निर्देशित ध्यान में आप किसी गाइड या वीडियो या किसी के समक्ष में आकर पालन करना होता है, जिसमें आप गुरुजी और पुस्तक पढ़ के कर सकते हैं। मंत्र ध्यान इसमें आप एकाग्रता के लिए मंत्र का उपयोग कर सकते हैं इसमें आपका मन थोड़े देर के लिए शांत होगा।
प्रत्येक प्रकार अद्वितीय लाभ प्रदान करेगा और अलग-अलग प्राथमिकताओं के अनुकूल हो सकता है आपके लिए सबसे अच्छा काम करने वाले तरीके को खोजने के लिए नया नया तरीका आज़माना सबसे मददगार होगा।
अब बात करते हैं कि ध्यान कैसे शुरू करें।
ध्यान का अभ्यास शुरू करना सरल है। सबसे पहले अपने शरीर विचार और भावना को शुद्ध करना होगा। देखना होगा जो हम कचरा भर कर रखे हैं क्रोध लोभ भय जलन इस सबको रूपांतरण करना होगा सबसे पहले। तभी हम ध्यान में बैठ सकते हैं। नहीं तो हम बस आंख बंद करके टाइमपास करेंगे और कोई लाभ नहीं होगा हां लाभ बस दिखावा में हो सकता है, सोशल मीडिया पर फोटो अपलोड कर सकते हैं जैसे योग दिवस पर करते हैं। ये सब से ध्यान अलग है आपको स्वयं को रूपांतरण करना होगा तभी आप ध्यान करना सार्थक होगा।
सबसे पहले एक शांत जगह खोजें जहां आपको कोई परेशान न करे, आरामदायक स्थिति में बैठें, अपनी आंखे बंद करें और गहरी सांस लें। अपनी सांस या किसी भी विचार भावना पर ध्यान केंद्रित करें। यह कुछ मिनट तक करें और धीरे धीरे समय बढ़ाएं। निरंतरता महत्वपूर्ण है। एक दिनचर्या बनाने के लिए हर दिन एक ही समय पर ध्यान करने की कोशिश करें।
चुनौतियों पर काबू पाना
कुछ लोगों को शुरू में ध्यान करना मुश्किल लग सकता है। आम चुनौतियों में भटकता हुआ मन और समय निकालना होगा। अपने आप के साथ धैर्य और सौम्यता रखना महत्वपूर्ण है। अभ्यास के साथ, ध्यान आसान और अधिक स्वाभाविक हो जाता है।
ध्यान मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए एक मूल्यवान उपकरण है। बुनियादी बातों को समझकर और सरल चरणों से शुरू करके, कोई भी इस अभ्यास से लाभ उठा सकता है। याद रखें, मुख्य बात धैर्य और जागरूकता निरंतरता बनाए रखना है। समय के साथ, ध्यान आपकी दैनिक दिनचर्या का एक पुरस्कृत हिस्सा बन सकता है। और जीवन में ध्यान जागरूकता को मित्र बना कर जीवन जीते रहे, और निरंतर ध्यान से स्वयं की खोज और सब कुछ मिल जाता है जो आप सोच रहे हैं वो भी सब आपके अंदर ही है बस देखना होगा।
धन्यवाद।🙏🏻❤️
रविकेश झा।