Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Oct 2024 · 4 min read

ध्यान क्या है और ध्यान कैसे शुरू करें व ध्यान के लाभ। भाग 2 | रविकेश झा।

नमस्कार दोस्तों आज बात कर रहे हैं ध्यान के बारे में, ध्यान क्या है ध्यान के क्या लाभ है और ध्यान कैसे शुरू करें।
ध्यान क्या है ?

ध्यान एक ऐसी प्रकिया है जिसमें हम अपने मन को एकाग्र करके अपने विचारों, भावनाओं और शरीर को समझने का प्रयत्न करते हैं। यह एक आंतरिक प्रक्रिया है जो दर्शन और योग में पाया जाता है। ध्यान एक ऐसा अभ्यास है जो लोगों को ध्यान केंद्रित करने और अपने मन को शांत करने में मदद करता है। इसमें आप श्वास अभ्यास, Mindfulness और एकाग्रता जैसी तकनीकें शामिल हैं। बहुत से लोग तनाव को कम करने स्वयं की खोज और मानसिक सपष्टता में सुधार के लिए ध्यान का उपयोग करते हैं। आप ध्यान के मध्यम से मन के जो अलग-अलग भाग है उसे हम जान सकते हैं, अपने भीतर चक्र को जगा सकते हैं। अभी मूर्छा में जी रहे हैं होश में आ सकते हैं। और स्वयं को रूपांतरण कर सकते हैं।

कोई भी व्यक्ति अपने अनुभव के स्तर की परवाह किए बिना ध्यान करना शुरू कर सकता है। इसके लिए विशेष उपकरण या बहुत अधिक समय की आवश्यकता नहीं होता है। बस शांत जगह और कुछ मिनट शुरू करने के लिए पर्याप्त है। और धीरे धीरे आनंद आना शुरू हो जाता है।

ध्यान के लाभ

जो लोग नियमित रूप से ध्यान करते हैं, उन्हें अक्सर कई लाभ मिलते हैं। इसमें स्वयं की खोज, चिंता में कमी, बेहतर नींद, और बेहतर भावनात्मक स्वास्थ्य शामिल हैं। ध्यान आत्म-जागरूकता बढ़ाने और शांति की भावना को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। आप जागरूकता के साथ स्वयं की भी खोज कर सकते हैं। मैं पहले लिख चुका हूं और आप सर्च करके पढ़ सकते हैं गूगल पर भी उपलब्ध है। ध्यान का लाभ ही लाभ दिखाई देता है, बस आप शुरू करें और लाभ हानि की चिंता किए बिना जागरूकता के साथ ध्यान प्रतिदिन करें।

अध्यन से पता चलता है कि ध्यान फोकस और एकाग्रता में सुधार कर सकता है। यह लोगों को अवसाद और पुराने दर्द, बीमारी जैसी कुछ स्वास्थय स्थितियों के लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है।

ध्यान के प्रकार

विभिन्न प्रकार के ध्यान अभ्यास उपलब्ध हैं। कुछ लोकप्रिय में शामिल हैं। Mindfullness मेडिटेशन आपको वर्तमान में मौजूद रहने पर ध्यान केंद्रित करता है। निर्देशित ध्यान में आप किसी गाइड या वीडियो या किसी के समक्ष में आकर पालन करना होता है, जिसमें आप गुरुजी और पुस्तक पढ़ के कर सकते हैं। मंत्र ध्यान इसमें आप एकाग्रता के लिए मंत्र का उपयोग कर सकते हैं इसमें आपका मन थोड़े देर के लिए शांत होगा।

प्रत्येक प्रकार अद्वितीय लाभ प्रदान करेगा और अलग-अलग प्राथमिकताओं के अनुकूल हो सकता है आपके लिए सबसे अच्छा काम करने वाले तरीके को खोजने के लिए नया नया तरीका आज़माना सबसे मददगार होगा।

अब बात करते हैं कि ध्यान कैसे शुरू करें।

ध्यान का अभ्यास शुरू करना सरल है। सबसे पहले अपने शरीर विचार और भावना को शुद्ध करना होगा। देखना होगा जो हम कचरा भर कर रखे हैं क्रोध लोभ भय जलन इस सबको रूपांतरण करना होगा सबसे पहले। तभी हम ध्यान में बैठ सकते हैं। नहीं तो हम बस आंख बंद करके टाइमपास करेंगे और कोई लाभ नहीं होगा हां लाभ बस दिखावा में हो सकता है, सोशल मीडिया पर फोटो अपलोड कर सकते हैं जैसे योग दिवस पर करते हैं। ये सब से ध्यान अलग है आपको स्वयं को रूपांतरण करना होगा तभी आप ध्यान करना सार्थक होगा।

सबसे पहले एक शांत जगह खोजें जहां आपको कोई परेशान न करे, आरामदायक स्थिति में बैठें, अपनी आंखे बंद करें और गहरी सांस लें। अपनी सांस या किसी भी विचार भावना पर ध्यान केंद्रित करें। यह कुछ मिनट तक करें और धीरे धीरे समय बढ़ाएं। निरंतरता महत्वपूर्ण है। एक दिनचर्या बनाने के लिए हर दिन एक ही समय पर ध्यान करने की कोशिश करें।

चुनौतियों पर काबू पाना

कुछ लोगों को शुरू में ध्यान करना मुश्किल लग सकता है। आम चुनौतियों में भटकता हुआ मन और समय निकालना होगा। अपने आप के साथ धैर्य और सौम्यता रखना महत्वपूर्ण है। अभ्यास के साथ, ध्यान आसान और अधिक स्वाभाविक हो जाता है।

ध्यान मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए एक मूल्यवान उपकरण है। बुनियादी बातों को समझकर और सरल चरणों से शुरू करके, कोई भी इस अभ्यास से लाभ उठा सकता है। याद रखें, मुख्य बात धैर्य और जागरूकता निरंतरता बनाए रखना है। समय के साथ, ध्यान आपकी दैनिक दिनचर्या का एक पुरस्कृत हिस्सा बन सकता है। और जीवन में ध्यान जागरूकता को मित्र बना कर जीवन जीते रहे, और निरंतर ध्यान से स्वयं की खोज और सब कुछ मिल जाता है जो आप सोच रहे हैं वो भी सब आपके अंदर ही है बस देखना होगा।

धन्यवाद।🙏🏻❤️
रविकेश झा।

2 Likes · 123 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरी कविता
मेरी कविता
Raju Gajbhiye
कौन है वो ?
कौन है वो ?
Rachana
दुख निवारण ब्रह्म सरोवर और हम
दुख निवारण ब्रह्म सरोवर और हम
SATPAL CHAUHAN
महिलाएं अक्सर हर पल अपने सौंदर्यता ,कपड़े एवम् अपने द्वारा क
महिलाएं अक्सर हर पल अपने सौंदर्यता ,कपड़े एवम् अपने द्वारा क
Rj Anand Prajapati
मैंने देखा है
मैंने देखा है
Bindesh kumar jha
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
#गणितीय प्रेम
#गणितीय प्रेम
हरवंश हृदय
चंडीगढ़ का रॉक गार्डेन
चंडीगढ़ का रॉक गार्डेन
Satish Srijan
आज की नारी
आज की नारी
Shriyansh Gupta
शमशान की राख देखकर मन में एक खयाल आया
शमशान की राख देखकर मन में एक खयाल आया
शेखर सिंह
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Mental health is not a luxury but a necessity .
Mental health is not a luxury but a necessity .
पूर्वार्थ
3761.💐 *पूर्णिका* 💐
3761.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ज़िद..
ज़िद..
हिमांशु Kulshrestha
आदाब दोस्तों,,,
आदाब दोस्तों,,,
Neelofar Khan
आँशु उसी के सामने बहाना जो आँशु का दर्द समझ सके
आँशु उसी के सामने बहाना जो आँशु का दर्द समझ सके
Rituraj shivem verma
जब तक आपका कामना है तब तक आप अहंकार में जी रहे हैं, चाहे आप
जब तक आपका कामना है तब तक आप अहंकार में जी रहे हैं, चाहे आप
Ravikesh Jha
दीवाली
दीवाली
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
"यह कैसा नशा?"
Dr. Kishan tandon kranti
ज़िंदगी हम भी
ज़िंदगी हम भी
Dr fauzia Naseem shad
शुभ संकेत जग ज़हान भारती🙏
शुभ संकेत जग ज़हान भारती🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हमने तूफानों में भी दीपक जलते देखा है
हमने तूफानों में भी दीपक जलते देखा है
कवि दीपक बवेजा
शिक्षक उस मोम की तरह होता है जो स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाश
शिक्षक उस मोम की तरह होता है जो स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाश
Ranjeet kumar patre
*कहॉं गए वे लोग जगत में, पर-उपकारी होते थे (गीत)*
*कहॉं गए वे लोग जगत में, पर-उपकारी होते थे (गीत)*
Ravi Prakash
*संवेदना*
*संवेदना*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
"बड़बोलापन यूं बना देख कोढ़ में खाज।
*प्रणय*
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कि दे दो हमें मोदी जी
कि दे दो हमें मोदी जी
Jatashankar Prajapati
झूठों की महफिल सजी,
झूठों की महफिल सजी,
sushil sarna
सुना था कि मर जाती दुनिया महोबत मे पर मैं तो जिंदा था।
सुना था कि मर जाती दुनिया महोबत मे पर मैं तो जिंदा था।
Nitesh Chauhan
Loading...