Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jun 2024 · 1 min read

” धेले में “

” धेले में ”
भीड़ मिली हर तरफ यहाँ
पर हम रहे अकेले में,
जमा कर लिए हीरे-मोती
अन्त न पाया धेले में।

3 Likes · 2 Comments · 93 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

अवकाश के दिन
अवकाश के दिन
Rambali Mishra
* वेदना का अभिलेखन : आपदा या अवसर *
* वेदना का अभिलेखन : आपदा या अवसर *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
- तुम अगर साथ देते तो हम आज नामचीन होते -
- तुम अगर साथ देते तो हम आज नामचीन होते -
bharat gehlot
11) मगर तुम नहीं आते...
11) मगर तुम नहीं आते...
नेहा शर्मा 'नेह'
बाल कविता: मूंगफली
बाल कविता: मूंगफली
Rajesh Kumar Arjun
रूठ जाना
रूठ जाना
surenderpal vaidya
परामर्श शुल्क –व्यंग रचना
परामर्श शुल्क –व्यंग रचना
Dr Mukesh 'Aseemit'
जो बरसे न जमकर, वो सावन कैसा
जो बरसे न जमकर, वो सावन कैसा
Suryakant Dwivedi
3 *शख्सियत*
3 *शख्सियत*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
" घर "
Dr. Kishan tandon kranti
4675.*पूर्णिका*
4675.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शीर्षक-सत्यम शिवम सुंदरम....
शीर्षक-सत्यम शिवम सुंदरम....
Harminder Kaur
भोर होने से पहले ...
भोर होने से पहले ...
sushil sarna
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हाथों में डिग्री आँखों में निराशा,
हाथों में डिग्री आँखों में निराशा,
शेखर सिंह
बड़ा भाई
बड़ा भाई
Rahul Singh
वेलेंटाइन डे आशिकों का नवरात्र है उनको सारे डे रोज, प्रपोज,च
वेलेंटाइन डे आशिकों का नवरात्र है उनको सारे डे रोज, प्रपोज,च
Rj Anand Prajapati
#मेरे नयनों के उजियारे
#मेरे नयनों के उजियारे
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
*धन्य अयोध्या जहॉं पधारे, पुरुषोत्तम भगवान हैं (हिंदी गजल)*
*धन्य अयोध्या जहॉं पधारे, पुरुषोत्तम भगवान हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
बचपन याद आ रहा
बचपन याद आ रहा
Sandeep Kumar
बाण मां सू अरदास
बाण मां सू अरदास
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
निष्काम,निर्भाव,निष्क्रिय मौन का जो सिरजन है,
निष्काम,निर्भाव,निष्क्रिय मौन का जो सिरजन है,
ओसमणी साहू 'ओश'
पुस्तक समीक्षा - गीत सागर
पुस्तक समीक्षा - गीत सागर
Sudhir srivastava
■ आज का शेर
■ आज का शेर
*प्रणय*
हुआ उजाला धरती अम्बर, नया मसीहा आया।
हुआ उजाला धरती अम्बर, नया मसीहा आया।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
“अधूरी नज़्म”
“अधूरी नज़्म”
Meenakshi Masoom
मौजूदा ये साल मयस्ससर हो जाए
मौजूदा ये साल मयस्ससर हो जाए
Shweta Soni
मेरी कलम
मेरी कलम
Shekhar Chandra Mitra
झूठे से प्रेम नहीं,
झूठे से प्रेम नहीं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
भारत को निपुण बनाओ
भारत को निपुण बनाओ
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
Loading...