Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Dr. Kishan tandon kranti
278 Followers
Follow
Report this post
12 Oct 2024 · 1 min read
” दोषी “
” दोषी ”
किसी को शोर पसन्द है
किसी को खामोशी,
लेकिन हमको मालूम नहीं
कौन कितना है दोषी?
Tag:
Quote Writer
Like
Share
2 Likes
·
2 Comments
· 28 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
पूनम का चाँद (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तस्वीर बदल रही है (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
नवा रद्दा (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तइहा ल बइहा लेगे (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
परछाई के रंग (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सबक (लघुकथा-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सौदा (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
जमीं के सितारे (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
बेहतर दुनिया के लिए (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
मेला (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
You may also like:
बोल उठी वेदना
नूरफातिमा खातून नूरी
*खोटा था अपना सिक्का*
Poonam Matia
इंसानियत का एहसास
Dr fauzia Naseem shad
..
*प्रणय*
विष बो रहे समाज में सरेआम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
दिल की बात बताऊँ कैसे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हर इंसान वो रिश्ता खोता ही है,
Rekha khichi
जिन्दगी के कुछ लम्हें अनमोल बन जाते हैं,
शेखर सिंह
नव भारत निर्माण करो
Anamika Tiwari 'annpurna '
" सबक "
Dr. Kishan tandon kranti
मानव पहले जान ले,तू जीवन का सार
Dr Archana Gupta
रफ्ता रफ्ता हमने जीने की तलब हासिल की
कवि दीपक बवेजा
Ranjeet Kumar Shukla
हाजीपुर
जाहिलों को शिक्षा, काहिलों को भिक्षा।
Sanjay ' शून्य'
उनको असफलता अधिक हाथ लगती है जो सफलता प्राप्त करने के लिए सह
Rj Anand Prajapati
जिंदगी को खुद से जियों,
जय लगन कुमार हैप्पी
हम दिल में मोहब्बत और सीने में कुरान रखते हैं ।
Phool gufran
अरमान गिर पड़े थे राहों में
सिद्धार्थ गोरखपुरी
टूटकर जो बिखर जाते हैं मोती
Sonam Puneet Dubey
भीष्म के उत्तरायण
Shaily
दर्शन की ललक
Neelam Sharma
कौवों को भी वही खिला सकते हैं जिन्होंने जीवित माता-पिता की स
गुमनाम 'बाबा'
खुश्क आँखों पे क्यूँ यकीं होता नहीं
sushil sarna
झील किनारे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
हर किसी की खुशियाँ
Chitra Bisht
ये बेकरारी, बेखुदी
हिमांशु Kulshrestha
उस गुरु के प्रति ही श्रद्धानत होना चाहिए जो अंधकार से लड़ना सिखाता है
कवि रमेशराज
आज के युग के आधुनिक विचार
Ajit Kumar "Karn"
4814.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सलाम
Dr.S.P. Gautam
Loading...