“दोषी कौन?”
“दोषी कौन?”
जिन्दगी वक्त के बहाव में है
हरेक इंसान यहाँ तनाव में हैं,
दोष पानी को दे रहे हर कोई
लेकिन छेद तो उस नाव में है.
“दोषी कौन?”
जिन्दगी वक्त के बहाव में है
हरेक इंसान यहाँ तनाव में हैं,
दोष पानी को दे रहे हर कोई
लेकिन छेद तो उस नाव में है.