दूध, दही, छाछ, मक्खन और घी सब एक ही वंश के हैं फिर भी सब की
चिंता अस्थाई है
Sueta Dutt Chaudhary Fiji
मां के आंचल में कुछ ऐसी अजमत रही।
तर्जनी आक्षेेप कर रही विभा पर
मैं उसको जब पीने लगता मेरे गम वो पी जाती है
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
जीवन साथी,,,दो शब्द ही तो है,,अगर सही इंसान से जुड़ जाए तो ज
कहां बैठे कोई , संग तेरे यूं दरिया निहार कर,
परिचर्चा (शिक्षक दिवस, 5 सितंबर पर विशेष)
आधुनिक समय में धर्म के आधार लेकर
Aaj kal ke log bhi wafayen kya khoob karte h
देख इंसान कहाँ खड़ा है तू