Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 May 2024 · 1 min read

“दूरी के माप”

“दूरी के माप”
हर दूरी के माप नहीं होते,
कहीं हम हैं कहीं आप नहीं होते।

2 Likes · 2 Comments · 111 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

दोस्तों !
दोस्तों !
Raju Gajbhiye
गज़ल क्या लिखूँ मैं तराना नहीं है
गज़ल क्या लिखूँ मैं तराना नहीं है
VINOD CHAUHAN
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
Rj Anand Prajapati
"तकलीफों के साये"
Dr. Kishan tandon kranti
बेवजह  का  रोना  क्या  अच्छा  है
बेवजह का रोना क्या अच्छा है
Sonam Puneet Dubey
सम वर्णिक छन्द
सम वर्णिक छन्द " कीर्ति "
rekha mohan
हक़ीक़त
हक़ीक़त
Shyam Sundar Subramanian
मुक्तक
मुक्तक
नूरफातिमा खातून नूरी
जब मुझको कुछ कहना होता अंतर्मन से कह लेती हूं ,
जब मुझको कुछ कहना होता अंतर्मन से कह लेती हूं ,
Anamika Tiwari 'annpurna '
तेवरी के तेवर जनाक्रोश के हैं +यशपाल वैद
तेवरी के तेवर जनाक्रोश के हैं +यशपाल वैद
कवि रमेशराज
मर्द कभी रोते नहीं हैं
मर्द कभी रोते नहीं हैं
Sunil Maheshwari
हर बात का सत्य है
हर बात का सत्य है
Seema gupta,Alwar
ग़ज़ल _अरमान ये मेरा है , खिदमत में बढ़ा जाये!
ग़ज़ल _अरमान ये मेरा है , खिदमत में बढ़ा जाये!
Neelofar Khan
मनु
मनु
Shashi Mahajan
संवेदना प्रकृति का आधार
संवेदना प्रकृति का आधार
Ritu Asooja
*उम्रभर*
*उम्रभर*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
उन्हें हद पसन्द थीं
उन्हें हद पसन्द थीं
हिमांशु Kulshrestha
Real smile.
Real smile.
Priya princess panwar
रामलला ! अभिनंदन है
रामलला ! अभिनंदन है
Ghanshyam Poddar
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
चलो मान लिया तुम साथ इमरोज़ सा निभाओगे;
चलो मान लिया तुम साथ इमरोज़ सा निभाओगे;
ओसमणी साहू 'ओश'
शिव सबके आराध्य हैं, रावण हो या राम।
शिव सबके आराध्य हैं, रावण हो या राम।
Sanjay ' शून्य'
ना कोई हिन्दू गलत है,
ना कोई हिन्दू गलत है,
SPK Sachin Lodhi
साथी है अब वेदना,
साथी है अब वेदना,
sushil sarna
'कच' और 'देवयानी' पौराणिक कथा
'कच' और 'देवयानी' पौराणिक कथा
Indu Singh
******* प्रेम और दोस्ती *******
******* प्रेम और दोस्ती *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
3159.*पूर्णिका*
3159.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नदी का किनारा
नदी का किनारा
Ashwani Kumar Jaiswal
अजीब सी बेचैनी हो रही थी, पता नही क्यों, शायद जैसा सोचा था व
अजीब सी बेचैनी हो रही थी, पता नही क्यों, शायद जैसा सोचा था व
पूर्वार्थ
Loading...