Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Mar 2024 · 1 min read

3159.*पूर्णिका*

3159.*पूर्णिका*
🌷 मेरा साथ निभाते रहना🌷
22 22 22 22
मेरा साथ निभाते रहना।
अपना नगमे गाते रहना।।
दुनिया वाह करें बस यारों ।
अपना नाम कमाते रहना।।
मन झूमे तन झूमे हरदम।
महफिल रोज सजाते रहना।।
खुशियाँ ही खुशियाँ होगी सच।
अपनी राह बनाते रहना।।
प्यारी तकदीर यहाँ खेदू।
हर वक्त हाथ बढ़ाते रहना।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
22-03-2024शुक्रवार
(विश्व जल दिवस)

81 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कुंडलिया - गौरैया
कुंडलिया - गौरैया
sushil sarna
नारीत्व
नारीत्व
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ख़ुद में खोकर ख़ुद को पा लेने का नाम ही ज़िंदगी है
ख़ुद में खोकर ख़ुद को पा लेने का नाम ही ज़िंदगी है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
Phool gufran
मैं भारत का जन गण
मैं भारत का जन गण
Kaushal Kishor Bhatt
हम तुम्हें लिखना
हम तुम्हें लिखना
Dr fauzia Naseem shad
2515.पूर्णिका
2515.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"फ़ानी दुनिया"
Dr. Kishan tandon kranti
"जीवन की अंतिम यात्रा"
Pushpraj Anant
👌दावा या धावा?👌
👌दावा या धावा?👌
*प्रणय प्रभात*
लड़कियों की जिंदगी आसान नहीं होती
लड़कियों की जिंदगी आसान नहीं होती
Adha Deshwal
*प्रभु का संग परम सुखदाई (चौपाइयॉं)*
*प्रभु का संग परम सुखदाई (चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
आप सभी को ईद उल अजहा मुबारक हो 🌹💖
आप सभी को ईद उल अजहा मुबारक हो 🌹💖
Neelofar Khan
तेरा ग़म
तेरा ग़म
Dipak Kumar "Girja"
मन तो मन है
मन तो मन है
Pratibha Pandey
*बस एक बार*
*बस एक बार*
Shashi kala vyas
कभी मोहब्बत के लिए मरता नहीं था
कभी मोहब्बत के लिए मरता नहीं था
Rituraj shivem verma
पंचांग (कैलेंडर)
पंचांग (कैलेंडर)
Dr. Vaishali Verma
प्रकृति की सुंदरता देख पाओगे
प्रकृति की सुंदरता देख पाओगे
Sonam Puneet Dubey
बेसबब हैं ऐशो इशरत के मकाँ
बेसबब हैं ऐशो इशरत के मकाँ
अरशद रसूल बदायूंनी
विश्वास
विश्वास
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
मधुर स्मृति
मधुर स्मृति
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
वक्त लगता है
वक्त लगता है
Vandna Thakur
खुली आँख से तुम ना दिखती, सपनों में ही आती हो।
खुली आँख से तुम ना दिखती, सपनों में ही आती हो।
लालबहादुर चौरसिया लाल
शहर में आग लगी है
शहर में आग लगी है
VINOD CHAUHAN
चुप्पियों के साए में जीते हैं हम सभी,
चुप्पियों के साए में जीते हैं हम सभी,
पूर्वार्थ
थी हवा ख़ुश्क पर नहीं सूखे - संदीप ठाकुर
थी हवा ख़ुश्क पर नहीं सूखे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
💫समय की वेदना💫
💫समय की वेदना💫
SPK Sachin Lodhi
*राम स्वयं राष्ट्र हैं*
*राम स्वयं राष्ट्र हैं*
Sanjay ' शून्य'
मोहब्बत तो अब भी
मोहब्बत तो अब भी
Surinder blackpen
Loading...