– दुख की पराकाष्ठा –
– दुख की पराकाष्ठा –
मन की पीड़ा,
तन की टूटन,
अंतर्मन की घुटन,
किसे बताए,
किसे सुनाए,
हाल हमारे दिल का देखो किसे सुनाए,
दुख की पराकाष्ठा ऐसी है,
जिसकी न कोई सीमा है न कोई परिधि है,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
– दुख की पराकाष्ठा –
मन की पीड़ा,
तन की टूटन,
अंतर्मन की घुटन,
किसे बताए,
किसे सुनाए,
हाल हमारे दिल का देखो किसे सुनाए,
दुख की पराकाष्ठा ऐसी है,
जिसकी न कोई सीमा है न कोई परिधि है,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान