Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2024 · 1 min read

मां तुम्हें आता है ,

मां तुम्हें आता है ,
कपड़ों की तरह रफू करने ,उधड़े हुए पुराने रिश्ते ,
चूल्हे की राख की तरह समेट लेना ,
सारे शिकवे गिले और नखरे ,
चक्की की तरह ,अपने अरमानों को पीसना,
मां तुम्हें आता है ,
जीवन के सभी मसले हल करना ,
बेशक तुम अनपढ़ हो ,
लेकिन तुम्हारे हाथ की बनी रोटी की परिधि ,
आज भी नपी तुली होती है ।
मां तुम्हें आता है ,
क ख ग की तरह जिंदगी को समझना ,
लिखते समय मेरा हाथ पकड़ना ,
तुम आज भी छुपाकर रखती हो,
अपने कीमती गहनों की तरह, अपने आंसू , अपनी पीड़ा ,
मां तुम्हें आता है ,
सूरज को अपने पल्लू से ढकना , हर मुसीबत की धूप ,
तुम रोक लेती हो ,अपने आंचल से ,क्योंकि तुम मां हो ,
सृष्टि , विधाता सब तुमसे हैं ,
इसलिए मां तुम्हें सब आता है ।
मंजू सागर

17 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🌹 वधु बनके🌹
🌹 वधु बनके🌹
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
मुझे आज तक ये समझ में न आया
मुझे आज तक ये समझ में न आया
Shweta Soni
जब किनारे दिखाई देते हैं !
जब किनारे दिखाई देते हैं !
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
एक पिता की पीर को, दे दो कुछ भी नाम।
एक पिता की पीर को, दे दो कुछ भी नाम।
Suryakant Dwivedi
कवर नयी है किताब वही पुराना है।
कवर नयी है किताब वही पुराना है।
Manoj Mahato
कभी फौजी भाइयों पर दुश्मनों के
कभी फौजी भाइयों पर दुश्मनों के
ओनिका सेतिया 'अनु '
Don't Be Judgemental...!!
Don't Be Judgemental...!!
Ravi Betulwala
" दर्द "
Dr. Kishan tandon kranti
🪁पतंग🪁
🪁पतंग🪁
Dr. Vaishali Verma
जितना आपके पास उपस्थित हैं
जितना आपके पास उपस्थित हैं
Aarti sirsat
लाड बिगाड़े लाडला ,
लाड बिगाड़े लाडला ,
sushil sarna
भरोसा
भरोसा
Paras Nath Jha
जब मैं तुमसे प्रश्न करूँगा,
जब मैं तुमसे प्रश्न करूँगा,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
।। सुविचार ।।
।। सुविचार ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
वो देखो ख़त्म हुई चिड़ियों की जमायत देखो हंस जा जाके कौओं से
वो देखो ख़त्म हुई चिड़ियों की जमायत देखो हंस जा जाके कौओं से
Neelam Sharma
ज़िंदगी मौत,पर
ज़िंदगी मौत,पर
Dr fauzia Naseem shad
" मुशाफिर हूँ "
Pushpraj Anant
नया जमाना आ गया, रही सास कब खास(कुंडलिया)
नया जमाना आ गया, रही सास कब खास(कुंडलिया)
Ravi Prakash
किसी पत्थर की मूरत से आप प्यार करें, यह वाजिब है, मगर, किसी
किसी पत्थर की मूरत से आप प्यार करें, यह वाजिब है, मगर, किसी
Dr MusafiR BaithA
संवेदनहीनता
संवेदनहीनता
संजीव शुक्ल 'सचिन'
सुपर हीरो
सुपर हीरो
Sidhartha Mishra
भूल जा इस ज़माने को
भूल जा इस ज़माने को
Surinder blackpen
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
प्रदूषण-जमघट।
प्रदूषण-जमघट।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"सफर,रुकावटें,और हौसले"
Yogendra Chaturwedi
नौकरी
नौकरी
Rajendra Kushwaha
मित्र बनाने से पहले आप भली भाँति जाँच और परख लें ! आपके विचा
मित्र बनाने से पहले आप भली भाँति जाँच और परख लें ! आपके विचा
DrLakshman Jha Parimal
मुर्दा समाज
मुर्दा समाज
Rekha Drolia
देखिए बिना करवाचौथ के
देखिए बिना करवाचौथ के
शेखर सिंह
Loading...