Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 May 2017 · 1 min read

दीदार…

इस दीद को हुआ फिर दीदार आपका
आया संग कयामत के ख़्वाब आपका
मुंतज़िर जिसकी रही आंखें तमाम शब
दे गयी तन्हा सहर, हमें जवाब आपका

सुशील सरना

Language: Hindi
329 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
देश के दुश्मन सिर्फ बॉर्डर पर ही नहीं साहब,
देश के दुश्मन सिर्फ बॉर्डर पर ही नहीं साहब,
राजेश बन्छोर
उनकी आंखो मे बात अलग है
उनकी आंखो मे बात अलग है
Vansh Agarwal
है शारदे मां
है शारदे मां
नेताम आर सी
बेजुबान और कसाई
बेजुबान और कसाई
मनोज कर्ण
Dating Affirmations:
Dating Affirmations:
पूर्वार्थ
🌹मेरे जज़्बात, मेरे अल्फ़ाज़🌹
🌹मेरे जज़्बात, मेरे अल्फ़ाज़🌹
Dr Shweta sood
धरती ने जलवाष्पों को आसमान तक संदेश भिजवाया
धरती ने जलवाष्पों को आसमान तक संदेश भिजवाया
ruby kumari
जीवन
जीवन
Bodhisatva kastooriya
"जुबांँ की बातें "
Yogendra Chaturwedi
3062.*पूर्णिका*
3062.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कर्जमाफी
कर्जमाफी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
🥀*✍अज्ञानी की*🥀
🥀*✍अज्ञानी की*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मौन
मौन
लक्ष्मी सिंह
दुर्योधन को चेतावनी
दुर्योधन को चेतावनी
SHAILESH MOHAN
न दिखावा खातिर
न दिखावा खातिर
Satish Srijan
Bahut fark h,
Bahut fark h,
Sakshi Tripathi
नहीं अब कभी ऐसा, नहीं होगा हमसे
नहीं अब कभी ऐसा, नहीं होगा हमसे
gurudeenverma198
अपना समझकर ही गहरे ज़ख्म दिखाये थे
अपना समझकर ही गहरे ज़ख्म दिखाये थे
'अशांत' शेखर
तितली के तेरे पंख
तितली के तेरे पंख
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
भतीजी (लाड़ो)
भतीजी (लाड़ो)
Kanchan Alok Malu
*नारी के सोलह श्रृंगार*
*नारी के सोलह श्रृंगार*
Dr. Vaishali Verma
विडंबना इस युग की ऐसी, मानवता यहां लज्जित है।
विडंबना इस युग की ऐसी, मानवता यहां लज्जित है।
Manisha Manjari
"संगठन परिवार है" एक जुमला या झूठ है। संगठन परिवार कभी नहीं
Sanjay ' शून्य'
राखी धागों का त्यौहार
राखी धागों का त्यौहार
Mukesh Kumar Sonkar
आइये, तिरंगा फहरायें....!!
आइये, तिरंगा फहरायें....!!
Kanchan Khanna
तारे दिन में भी चमकते है।
तारे दिन में भी चमकते है।
Rj Anand Prajapati
बिना तुम्हारे
बिना तुम्हारे
Shyam Sundar Subramanian
जुदा होते हैं लोग ऐसे भी
जुदा होते हैं लोग ऐसे भी
Dr fauzia Naseem shad
वो आये और देख कर जाने लगे
वो आये और देख कर जाने लगे
Surinder blackpen
"किस बात का गुमान"
Ekta chitrangini
Loading...