Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 2 min read

“किस बात का गुमान”

किस बात का गुमान करता है बन्दे,
पाकर गुमान ना कर, खोने का गम मत कर।
भूकम्प का एक झटका आता है,
पल भर में सब छीन जाता है।

जब समंदर को हुआ गुमान पानी पर,
कश्तियाँ उड़ान भरने लगी पानी पर।
जख्म सारे दिखाई दें, कब जरूरी है,
छोड़ते हैं संग भी निशान पानी पर।

दिए को भी गुमान था,कि रोशन जहाँ हमसे,
अँधेरा खाक कर दिया,फिर गुमान कैसे।
दिया खुद को ढूढता ,की मैं कहां हुँ,
तेल खत्म हो चुका था ,फिर गुमान कैसे।

धन दौलत पर न कर गुमान,
ये हाथ का मैल, एक दिन धुल जाएगा।
न कुछ लेकर आया था, ना कुछ लेकर जाएगा,
तेरा किया धरा यही पर सब कुछ रह जायेगा।

बचपन बीता जवानी बीती,
फिर तो बुढापा आएगा।
एक कोने में पड़ा रहेगा तू,
कोई ना तेरे पास आएगा।

कर दो कुछ कर्म,धर्म,
बाँट दो दोनों हाथों से पुण्य।
यही तेरे साथ चलेगा बन्दे,
बाकी यही सब कुछ रह जायेगा।

जिंदगी बहुत छोटी है, फिर गुमान कैसे,
कब ऊपर से बुलावा आ जाएगा।
हाथ पैर सब होते हुए भी,
चार के कंधे पर चढ़ कर जाएगा।

उड़ रहा हूं अपनी काबलियत पर,
ये पतंग को भी गुमान था।
उसको जमीन का धागा जोड़ा , क्या उसे ध्यान था,
आया हवा का एक झोंका वो बडा तूफान था।

तोड़ दिया उस बन्धन को ,
जिससे पतंग अनजान था ।
कुछ को गुमान है अमीरी पर,
कुछ को गुमान अपने लकीरों पर।
अहंकार रावण को भी था,
ना कर गुमान तकदीरों पर।।

लेखिका: – एकता श्रीवास्तव ✍️
प्रयागराज

Language: Hindi
53 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ekta chitrangini
View all
You may also like:
है अभी भी वक़्त प्यारे, मैं भी सोचूंँ तू भी सोच
है अभी भी वक़्त प्यारे, मैं भी सोचूंँ तू भी सोच
Sarfaraz Ahmed Aasee
ये मेरे घर की चारदीवारी भी अब मुझसे पूछती है
ये मेरे घर की चारदीवारी भी अब मुझसे पूछती है
श्याम सिंह बिष्ट
विषय - प्रभु श्री राम 🚩
विषय - प्रभु श्री राम 🚩
Neeraj Agarwal
नानी का गांव
नानी का गांव
साहित्य गौरव
हमें उससे नहीं कोई गिला भी
हमें उससे नहीं कोई गिला भी
Irshad Aatif
*रिमझिम-रिमझिम बूॅंदें बरसीं, गाते मेघ-मल्हार (गीत)*
*रिमझिम-रिमझिम बूॅंदें बरसीं, गाते मेघ-मल्हार (गीत)*
Ravi Prakash
हथेली पर जो
हथेली पर जो
लक्ष्मी सिंह
खुद में, खुद को, खुद ब खुद ढूंढ़ लूंगा मैं,
खुद में, खुद को, खुद ब खुद ढूंढ़ लूंगा मैं,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
समय के पहिए पर कुछ नए आयाम छोड़ते है,
समय के पहिए पर कुछ नए आयाम छोड़ते है,
manjula chauhan
राजा जनक के समाजवाद।
राजा जनक के समाजवाद।
Acharya Rama Nand Mandal
मैं तो महज एक ख्वाब हूँ
मैं तो महज एक ख्वाब हूँ
VINOD CHAUHAN
.*यादों के पन्ने.......
.*यादों के पन्ने.......
Naushaba Suriya
उम्मीद रखते हैं
उम्मीद रखते हैं
Dhriti Mishra
तब याद तुम्हारी आती है (गीत)
तब याद तुम्हारी आती है (गीत)
संतोष तनहा
एक मैसेज सुबह करते है
एक मैसेज सुबह करते है
शेखर सिंह
मां - स्नेहपुष्प
मां - स्नेहपुष्प
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
परिवार
परिवार
नवीन जोशी 'नवल'
जिज्ञासा और प्रयोग
जिज्ञासा और प्रयोग
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
💐प्रेम कौतुक-537💐
💐प्रेम कौतुक-537💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कुछ मुक्तक...
कुछ मुक्तक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
ਕੋਈ ਨਾ ਕੋਈ #ਖ਼ਾਮੀ ਤਾਂ
ਕੋਈ ਨਾ ਕੋਈ #ਖ਼ਾਮੀ ਤਾਂ
Surinder blackpen
बोलो ! ईश्वर / (नवगीत)
बोलो ! ईश्वर / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
रमेशराज की ‘ गोदान ‘ के पात्रों विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की ‘ गोदान ‘ के पात्रों विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
सभी कहें उत्तरांचली,  महावीर है नाम
सभी कहें उत्तरांचली, महावीर है नाम
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मैं जिस तरह रहता हूं क्या वो भी रह लेगा
मैं जिस तरह रहता हूं क्या वो भी रह लेगा
Keshav kishor Kumar
"ख़्वाहिशों की दुनिया"
Dr. Kishan tandon kranti
कुण्डलिया
कुण्डलिया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
नव वर्ष हमारे आए हैं
नव वर्ष हमारे आए हैं
Er.Navaneet R Shandily
■ आज की बात
■ आज की बात
*Author प्रणय प्रभात*
उदास आँखों से जिस का रस्ता मैं एक मुद्दत से तक रहा था
उदास आँखों से जिस का रस्ता मैं एक मुद्दत से तक रहा था
Aadarsh Dubey
Loading...