दिवाली फिर है आई
दिवाली फिर है आई
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साफ सफाई कर लो घर की
अपनी दिवाली फिर है आई
बूढ़े बच्चे सभी के चेहरे पर
खुशियाॅं ही खुशियाॅं है छाई
दीपों की सुन्दर बारात सजेगी
जो अंधकार को दूर तजेगी
पटाखों से पूरा बाजार सजा है
मिठाई का भी तो अलग मजा है
एक दूसरे के घर में जाकर हम
गले मिलकर देंगे बधाई
पहले की तरह इस बार भी
दिवाली फिर से खुशियाॅं है लाई।