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13 Dec 2017 · 1 min read

” दिल यों लूट लिये जाते हो ” !!

तुम गुलाब से मुस्काते हो !
दिल यों लूट लिए जाते हो !!

हम सब तुम पर वारी जायें !
ऐसे हाल किये जाते हो !!

अपनी दुनिया तुम तक सिमटी ,
मन बेहाल किये जाते हो !!

तुम बिन पल बेचैन लगे है !
ऐसी ठगी किये जाते हो !!

खुशियों की सौगातें दी हैं ,
यह एहसान किये जाते हो !!

घर आँगन दीवार सजाये ,
अवसर भेंट किये जाते हो !!

मनहारी तुम रूप धरे हो !
दिल का हरण किये जाते हो !

खिली खिली है रंगत ऐसी !
शोखी सभी लिये जाते हो !!

दीवाने से सब लगते हैं !
जी जंजाल किये जाते हो !!

फूलों की फुलवारी फीकी !
सारी महक लिये जाते हो !!

हम भी हुए फकीर जान लो !
खुशियां साथ लिये जाते हो !!

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