★ किताबें दीपक की★
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/839c2dc8efeb778ac1b7c1a49e8f8490_f261ebc1b4c35129e668d6a6a22ec527_600.jpg)
गांव के फसल जैसी हरियाली तुम हो। प्रत्येक कृषि शिष्य की दिवाली तुम हो । और पन्ने तो कई और लोग भी बेचते हैं यहां। मगर बात तो यूं है कि दीपक वाधवा सर की निराली तुम हो।।
★IPS KAMAL THAKUR ★
गांव के फसल जैसी हरियाली तुम हो। प्रत्येक कृषि शिष्य की दिवाली तुम हो । और पन्ने तो कई और लोग भी बेचते हैं यहां। मगर बात तो यूं है कि दीपक वाधवा सर की निराली तुम हो।।
★IPS KAMAL THAKUR ★