दिल भर आता है
दिल भर आता है, अब भी कई बातों पर मेरा
मगर आंखों से आंसू , छलकते नहीं है…
कुछ अहसास चले जाते है, लोगों के साथ ही
फिर से वो अहसास किसी और में, मिलते नहीं है…
शब्दों के मायने बदलते देखें है, मैंने वक्त के साथ
वो लोग भी बदलते है, जो कहते थे हम बदलते नही है..
यूं ही समाया नही है अंधेरा, मेरे सिरहाने पर
क्यूंकि मेरे सूरज और चांद, अब निकलते नही है…
हम भी जाहिर कर सकते है गमों को, कैफियत से
मगर सभी दर्द भी पन्नो पर उतरते नहीं है…
दिल भर आता है, अब भी कई बातों पर मेरा
मगर आंखों से आंसू , छलकते नहीं है…