Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Apr 2024 · 1 min read

“दिमागी गुलामी”

“दिमागी गुलामी”
समस्याएँ लौकिक हैं
मगर उसका हल
लोगों को
परलोक में नजर आता है,
पता नहीं
ये दिमागी गुलामी
मनुष्यों को
किस कदर भरमाता है?

2 Likes · 1 Comment · 34 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
सेर
सेर
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
पति पत्नि की नोक झोंक व प्यार (हास्य व्यंग)
पति पत्नि की नोक झोंक व प्यार (हास्य व्यंग)
Ram Krishan Rastogi
उजले दिन के बाद काली रात आती है
उजले दिन के बाद काली रात आती है
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
"शब्द बोलते हैं"
Dr. Kishan tandon kranti
करतूतें किस को बतलाएं
करतूतें किस को बतलाएं
*Author प्रणय प्रभात*
मालिक मेरे करना सहारा ।
मालिक मेरे करना सहारा ।
Buddha Prakash
अनपढ़ दिखे समाज, बोलिए क्या स्वतंत्र हम
अनपढ़ दिखे समाज, बोलिए क्या स्वतंत्र हम
Pt. Brajesh Kumar Nayak
*भगत सिंह हूँ फैन  सदा तेरी शराफत का*
*भगत सिंह हूँ फैन सदा तेरी शराफत का*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शिशिर ऋतु-१
शिशिर ऋतु-१
Vishnu Prasad 'panchotiya'
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
3205.*पूर्णिका*
3205.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भव्य भू भारती
भव्य भू भारती
लक्ष्मी सिंह
Hum mom ki kathputali to na the.
Hum mom ki kathputali to na the.
Sakshi Tripathi
उफ ये सादगी तुम्हारी।
उफ ये सादगी तुम्हारी।
Taj Mohammad
ज़िक्र-ए-वफ़ा हो या बात हो बेवफ़ाई की ,
ज़िक्र-ए-वफ़ा हो या बात हो बेवफ़ाई की ,
sushil sarna
कभी न खत्म होने वाला यह समय
कभी न खत्म होने वाला यह समय
प्रेमदास वसु सुरेखा
ट्यूशन उद्योग
ट्यूशन उद्योग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Bad in good
Bad in good
Bidyadhar Mantry
बाबुल
बाबुल
Neeraj Agarwal
छोड़ कर महोब्बत कहा जाओगे
छोड़ कर महोब्बत कहा जाओगे
Anil chobisa
सोशल मीडिया, हिंदी साहित्य और हाशिया विमर्श / MUSAFIR BAITHA
सोशल मीडिया, हिंदी साहित्य और हाशिया विमर्श / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
सलामी दें तिरंगे को हमें ये जान से प्यारा
सलामी दें तिरंगे को हमें ये जान से प्यारा
आर.एस. 'प्रीतम'
"मुझे हक सही से जताना नहीं आता
पूर्वार्थ
जीवन की आपाधापी में, न जाने सब क्यों छूटता जा रहा है।
जीवन की आपाधापी में, न जाने सब क्यों छूटता जा रहा है।
Gunjan Tiwari
*थर्मस (बाल कविता)*
*थर्मस (बाल कविता)*
Ravi Prakash
बस मुझे महसूस करे
बस मुझे महसूस करे
Pratibha Pandey
डॉ भीमराव अम्बेडकर
डॉ भीमराव अम्बेडकर
नूरफातिमा खातून नूरी
Kya kahun ki kahne ko ab kuchh na raha,
Kya kahun ki kahne ko ab kuchh na raha,
Irfan khan
Mohabbat
Mohabbat
AMBAR KUMAR
"चलो जी लें आज"
Radha Iyer Rads/राधा अय्यर 'कस्तूरी'
Loading...