दिनचर्या
दिनचर्या
सुबह उठ
फ्रेश हो जा
दौड़ के आ
आराम कर
बनाना खा
सुबह उठ…..
देश दुनिया की
खबर ले
खबर दे
अब मोबाइल
रख दे!!
सुबह उठ….
पुस्तक निकाल
दो घंटा पढ़
अपन जिंदगी गढ़
भीड़ से आगे बढ़
सुबह उठ…
संगीत सुन
प्रार्थना को चुन
भड़कीला गाना छू न
कदम बढ़ाना न भूल
सुबह उठ…
खाना खा
स्कूल जा
गुरुजी के
मार खा
डांट खा
लेकिन बराबर
मार्क्स ला।
सुबह उठ….
गौशाला जा
सेवा कर,
जिम जा
मेहनत कर
पर्सनेलिटी बढ़ा
सुबह उठ……
बादाम सेक ले
होमवर्क देख ले
फिर पढ़
जिनगी ला गढ़
आगे बढ़,आगे बढ़
हरहाल में
तू आगे बढ़।।।
सुबह उठ
रचनाकार
संतोष कुमार मिरी
कवि छत्तीसगढ़