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17 Feb 2024 · 1 min read

*अब तो चले आना*

सावन भी बरस गया
मैं भी तरस गया
तू अब तो चले आना
अब इंतज़ार बहुत हो गया

आंखों के आंसू भी अब सूख गए
जाने तुम क्यों इस कदर रूठ गए
तू अब तो चले आना
तेरे बिना हम तो अब टूट गए

अब ये फ़िज़ा भी बेनूर है
जो तू मुझसे इतना दूर है
तू अब तो चले आना
माना तू जन्नत की हूर है

खो गई है जाने कहां
मेरे चमन के फूलों की ख़ुशबू
तू अब तो चले आना
याद आ रही है बहुत तेरी ख़ुशबू

मैं ही नहीं बदला सबकुछ बदल गया
तेरे जाने से फिज़ाओं ने भी बदले है रंग
तू अब तो चले आना
मेरे हालात देखकर तू भी हो जाएगा दंग

आकर देख ले इस दीवाने का हाल
वरना बाद में कहीं रह न जाए मलाल
तू अब तो चले आना
क्यों कर रहा है दीवाने को बेवजह हलाल।

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