दादा जी का पोता
बन्दूक दिला देना मैया
मैं फौजी बन जाऊँगा।
दादा जी का पोता हूँ मैं
कुछ करके दिखलाऊँगा।
एक नया इतिहास रचूँगा
अपने नन्हें हाथों से।
सबके दिल पर राज करूँगा
अपनी मीठी बातों से।
भृष्टाचार की जंजीरों को
अब मैं ही कटवाऊँगा।
दादा जी का पोता हूँ मैं
कुछ करके दिखलाऊँगा।
सरहद पर जा दादा जी ने
दुश्मन मार गिराए हैं।
अपने प्यारे देश की ख़ातिर
दो-दो पुत्र गँवाये हैं।
मुझमें भी तो खून उन्हीं का
जा जौहर रच जाऊँगा ।
दादा जी का पोता हूँ मैं
कुछ करके दिखलाऊँगा।
जब जाऊँ सरहद पर लड़ने
प्यार से दामन भर देना।
मैया तू कमजोर न पड़ना
तिलक लहू से कर देना।
याद रखेगी सारी दुनियाँ
मैं परचम लहराऊँगा ।
दादा जी का पोता हूँ मैं
कुछ करके दिखलाऊँगा।
© डॉ० प्रतिभा माही