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25 Sep 2018 · 1 min read

दादा जी का छाता

दादाजी का छाता काला
दादा जी का है रखवाला

इसे पकड़ वो ऐसे चलते
जैसे अपनी छड़ी पकड़ते

कभी यही डंडा बन जाता
बंदर कुत्ते दूर भगाता

बारिश में सर पर तन जाता
कड़ी धूप से उन्हें बचाता

दादा जी के सँग सँग रहता
पक्का याराना है लगता

हमको भी छाता है प्यारा
रंगबिरंगा मगर हमारा

25-09-2018
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

1 Like · 444 Views
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