]]]त्यागकर चूड़ियों का[[[
त्यागकर चूड़ियों का
// दिनेश एल० “जैहिंद”
ले खडग, ले कटार,
थाम हाथ में तलवार !!
लेकर कंधे पर बंदूक,
कर दुश्मनों पर वार !!
यूँ मायूस तू मत हो,
यूँ आँसू तू मत बहा !!
कर विचार तू मन में
यूँ अपमान क्यूँ सहा !!
ले बदला बदल पैंतरा
कर युद्ध तू बंधनों से !!
त्याग कर चूड़ियों का,
कर हमला दुश्मनों पे !!
छोड़ प्यार अब नींद से,
मुँह मोड़ अब प्रीत से !!
मोह न कर आशिक़ का,
इश्क़ कर मात्र जीत से !!
कर परहेज खुदकुशी से,
दूर रह सदा बुजदिली से !!
जाना है तुझे अभी सुदूर,
चल-चल जिंदा-दिली से !!
कर नेस्तनाबूद संकटों का,
सामना कर तू झंझटों का !!
उतार फेंक तू जीर्ण चोला,
पथ बना खुद हसरतों का !!
अभी कुछ करना बाकी है,
किया क्या तूने एकाकी है !!
चलना तुझे अकेला अभी,
बाकी अभी कई झाँकी है !!
=============
दिनेश एल० “जैहिंद”
13. 07. 2019