तेरी खूबसूरती
तुझे लिखने को मचल उठी मेरी कलम,
जो लिखा मैंने वो बिल्कुल सच है_मोहतरमा,
तेरी प्यारी सूरत होठ गुलाबी,
तेरा गोरा रंग काले घने बाल,
तू लगती है परियों की रानी,
तेरी बड़ी आंख मृगनैनी सी_ऊपर से ,
तेरे गाल पर काला तिल मानो
जैसे चांद उतर आया जमीन पर,
तुझ पर गजल लिखूं या गीत यह सोच में पड़ गया मैं ,
तू क्या सचमुच है परियों की रानी,
सच बताना मोहतरमा ,
तुम्हारे कद और कमर का क्या ही कहना,
मानो तो तू ताजमहल का एक दूसरा है नमूना,
तुझे देखा मैंने तो मैं खुद ही दंग रह गया,
तेरी खूबसूरती के आगे चाँद भी फीका पड गया।