Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Oct 2023 · 1 min read

दीप बनकर तुम सदा जलते रहो फिर नहीं होगा तिमिर का भान भी

तुम नदी बनकर निरन्तर ही बहो
टिक न पाएगी कोई चट्टान भी
दीप बनकर तुम सदा जलते रहो
फिर नहीं होगा तिमिर का भान भी

वक़्त जब विपरीत होता है यहाँ
फूल से भी तब हमें मिलती चुभन
ज़िन्दगी में जब बुरे हालात हों
टूटने देना न हिम्मत और मन
जब समझ आ जाएगी ये ज़िन्दगी
एक दिन पा जाओगे पहचान भी
दीप बनकर……

आज है जो कल बदल वो जाएगा
एक से रहते कभी मौसम नहीं
कोशिशें करते रहो, बढ़ते रहो
मंज़िले भी ज़िन्दगी में कम नहीं
जब समय अनुकूल होगा देखना
मुश्किलें हो जाएंगी आसान भी
दीप बनकर….

साथ चलना है हमें हर हाल में
चाल तो छुपकर चलेगी ज़िन्दगी
ये करेगी हर समय मनमानियाँ
हर डगर हमको छलेगी ज़िन्दगी
खो न देना पर कहीं तुम धैर्य को
है अगर ये बोझ, तो वरदान भी
दीप बनकर…

डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 123 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
धर्म के रचैया श्याम,नाग के नथैया श्याम
धर्म के रचैया श्याम,नाग के नथैया श्याम
कृष्णकांत गुर्जर
रात के अंँधेरे का सौंदर्य वही बता सकता है जिसमें बहुत सी रात
रात के अंँधेरे का सौंदर्य वही बता सकता है जिसमें बहुत सी रात
Neerja Sharma
सारे गुनाहगार खुले घूम रहे हैं
सारे गुनाहगार खुले घूम रहे हैं
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
औरों की खुशी के लिए ।
औरों की खुशी के लिए ।
Buddha Prakash
........,,?
........,,?
शेखर सिंह
"थामता है मिरी उंगली मेरा माज़ी जब भी।
*Author प्रणय प्रभात*
तू प्रतीक है समृद्धि की
तू प्रतीक है समृद्धि की
gurudeenverma198
बिन फले तो
बिन फले तो
surenderpal vaidya
2574.पूर्णिका
2574.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मै तो हूं मद मस्त मौला
मै तो हूं मद मस्त मौला
नेताम आर सी
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-143के दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-143के दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
किसी भी काम में आपको मुश्किल तब लगती है जब आप किसी समस्या का
किसी भी काम में आपको मुश्किल तब लगती है जब आप किसी समस्या का
Rj Anand Prajapati
*कलम (बाल कविता)*
*कलम (बाल कविता)*
Ravi Prakash
मैं विवेक शून्य हूँ
मैं विवेक शून्य हूँ
संजय कुमार संजू
हर तूफ़ान के बाद खुद को समेट कर सजाया है
हर तूफ़ान के बाद खुद को समेट कर सजाया है
Pramila sultan
"सन्त रविदास जयन्ती" 24/02/2024 पर विशेष ...
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
"आँसू"
Dr. Kishan tandon kranti
मणिपुर की घटना ने शर्मसार कर दी सारी यादें
मणिपुर की घटना ने शर्मसार कर दी सारी यादें
Vicky Purohit
रूप से कह दो की देखें दूसरों का घर,
रूप से कह दो की देखें दूसरों का घर,
पूर्वार्थ
अपने दिल से
अपने दिल से
Dr fauzia Naseem shad
तुझे भूले कैसे।
तुझे भूले कैसे।
Taj Mohammad
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस
Mahender Singh
धमकी तुमने दे डाली
धमकी तुमने दे डाली
Shravan singh
इसलिए कठिनाईयों का खल मुझे न छल रहा।
इसलिए कठिनाईयों का खल मुझे न छल रहा।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
राम छोड़ ना कोई हमारे..
राम छोड़ ना कोई हमारे..
Vijay kumar Pandey
अति मंद मंद , शीतल बयार।
अति मंद मंद , शीतल बयार।
Kuldeep mishra (KD)
माँ वाणी की वन्दना
माँ वाणी की वन्दना
Prakash Chandra
कल चमन था
कल चमन था
Neelam Sharma
कितनी ही दफा मुस्कुराओ
कितनी ही दफा मुस्कुराओ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"काफ़ी अकेला हूं" से "अकेले ही काफ़ी हूं" तक का सफ़र
ओसमणी साहू 'ओश'
Loading...