“तेरी खामोशियाँ”
“तेरी खामोशियाँ”
बेचैन सी कर जाती है
कभी- कभी ये तेरी खामोशियाँ,
तेरी अँखियों के शहर में
इसलिए तबीयत कुछ नासाज है।
“तेरी खामोशियाँ”
बेचैन सी कर जाती है
कभी- कभी ये तेरी खामोशियाँ,
तेरी अँखियों के शहर में
इसलिए तबीयत कुछ नासाज है।