“तुर्रम खान”
“तुर्रम खान”
‘तुर्रम खान’ शब्द जन-जन की जुबान पर इसलिए ही है कि वह मातृभूमि के माथे पर लगा हुआ वो ‘रक्त-तिलक’ है, जो बलिदान होकर नई पीढ़ी को अमर होने का रहस्य सिखाता है। वास्तव में यह वीरता और खुद्दारी का प्रतीक है।
-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति