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13 May 2024 · 1 min read

जल की कीमत

जल की कीमत कब समझेंगे,हम पागल इंसान।
धरती जब ये हो जाएगी ,नीर बिना वीरान।।
जीव जंतु अरु सकल परिंदा
कौन यहाॅं है जल बिन जिन्दा।
जल ही हम सबके हैं जीवन,
जल है निर्मल जल है पावन।
बूॅंद- बूॅंद ही चरणामृत है, बूंदों में ही प्राण।
जल की कीमत कब समझेंगे, हम पागल इंसान।।
जल से ही तो कल है बन्दा,
करो नहीं अब जल को गन्दा।
जल के बिन जीवन में हलचल,
नदियाॅं झरने बहते कलकल।
होती जल की शीतलता से,तृप्त सभी की जान।
जल कीमत कब समझेंगे हम पागल इंसान।।
@डी.एन.झा दीपक ©®

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 44 Views
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