अंबेडकरवादी विचारधारा की संवाहक हैं श्याम निर्मोही जी की कविताएं - रेत पर कश्तियां (काव्य संग्रह)
आम का मौसम
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ४)
चंदा मामा सुनो ना मेरी बात 🙏
डोरी बाँधे प्रीति की, मन में भर विश्वास ।
जंग तो दिमाग से जीती जा सकती है......
दया के सागरः लोककवि रामचरन गुप्त +रमेशराज
जब हम सोचते हैं कि हमने कुछ सार्थक किया है तो हमें खुद पर गर
प्रेम की डोर सदैव नैतिकता की डोर से बंधती है और नैतिकता सत्क
कविता-मरते किसान नहीं, मर रही हमारी आत्मा है।
*** पुद्दुचेरी की सागर लहरें...! ***
💐प्रेम कौतुक-307💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*वट का वृक्ष सदा से सात्विक,फल अद्भुत शुभ दाता (गीत)*