Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2023 · 1 min read

तुम

तुम अगर मेरे होते तो
सपने सब अगर पूरे होते
जहां में ऐसा सपना सब संजोते हैं।
मगर सपने तो सपने हैं
कब पूरे होते हैं?
हर पौधा जो उगाया जाता है
जिसको सींचा और बचाया जाता है
सब फलदार बनें
ऐसे पौधे कम बोते हैं
क्योंकि सपने सब पूरे नहीं होते हैं।

Language: Hindi
1 Like · 199 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चुप्पी और गुस्से का वर्णभेद / मुसाफ़िर बैठा
चुप्पी और गुस्से का वर्णभेद / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
7. तेरी याद
7. तेरी याद
Rajeev Dutta
भगतसिंह का क़र्ज़
भगतसिंह का क़र्ज़
Shekhar Chandra Mitra
परिभाषाएं अनगिनत,
परिभाषाएं अनगिनत,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
ना रहीम मानता हूँ ना राम मानता हूँ
ना रहीम मानता हूँ ना राम मानता हूँ
VINOD CHAUHAN
दोस्ती देने लगे जब भी फ़रेब..
दोस्ती देने लगे जब भी फ़रेब..
अश्क चिरैयाकोटी
புறப்பாடு
புறப்பாடு
Shyam Sundar Subramanian
Phoolo ki wo shatir  kaliya
Phoolo ki wo shatir kaliya
Sakshi Tripathi
उलझन से जुझनें की शक्ति रखें
उलझन से जुझनें की शक्ति रखें
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
My Guardian Angel
My Guardian Angel
Manisha Manjari
जो शख़्स तुम्हारे गिरने/झुकने का इंतजार करे, By God उसके लिए
जो शख़्स तुम्हारे गिरने/झुकने का इंतजार करे, By God उसके लिए
अंकित आजाद गुप्ता
"मेरी नज्मों में"
Dr. Kishan tandon kranti
दिन आज आखिरी है, खत्म होते साल में
दिन आज आखिरी है, खत्म होते साल में
gurudeenverma198
यदि तुम करोड़पति बनने का ख्वाब देखते हो तो तुम्हे इसके लिए स
यदि तुम करोड़पति बनने का ख्वाब देखते हो तो तुम्हे इसके लिए स
Rj Anand Prajapati
आँगन की दीवारों से ( समीक्षा )
आँगन की दीवारों से ( समीक्षा )
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
जय मां ँँशारदे 🙏
जय मां ँँशारदे 🙏
Neelam Sharma
सुबह की एक कप चाय,
सुबह की एक कप चाय,
Neerja Sharma
बंदूक से अत्यंत ज़्यादा विचार घातक होते हैं,
बंदूक से अत्यंत ज़्यादा विचार घातक होते हैं,
शेखर सिंह
"बेटी और बेटा"
Ekta chitrangini
करम
करम
Fuzail Sardhanvi
नजरअंदाज करने के
नजरअंदाज करने के
Dr Manju Saini
काश
काश
Sidhant Sharma
!! पत्थर नहीं हूँ मैं !!
!! पत्थर नहीं हूँ मैं !!
Chunnu Lal Gupta
जिंदगी सितार हो गयी
जिंदगी सितार हो गयी
Mamta Rani
किन मुश्किलों से गुजरे और गुजर रहे हैं अबतक,
किन मुश्किलों से गुजरे और गुजर रहे हैं अबतक,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
■आज का सवाल■
■आज का सवाल■
*Author प्रणय प्रभात*
*पारस-मणि की चाह नहीं प्रभु, तुमको कैसे पाऊॅं (गीत)*
*पारस-मणि की चाह नहीं प्रभु, तुमको कैसे पाऊॅं (गीत)*
Ravi Prakash
हौसले से जग जीतता रहा
हौसले से जग जीतता रहा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मैं रचनाकार नहीं हूं
मैं रचनाकार नहीं हूं
Manjhii Masti
Loading...