Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Oct 2023 · 1 min read

तुम पथ भूल न जाना पथिक

शीर्षक -तुम पथ भूल न
जाना पथिक!
++++++++++++
जीवन के खिले उपवन में,
खुश्बू से भरा कण-कण होगा।
पुष्पों में अलि गुंजित होंगे,
और कलियों में यौवन होगा?

कलियों का घूंघट खुलने में —
तुम पथ भूल न जाना पथिक !

कांटे भी पथ में होंगे तेरे,
पथरीले,दुर्गमता के पथ होंगे।
पर तुम साहस मत खोना —
घने वृक्ष और सुंदर निर्झर भी होंगे!

लेकिन! तुम निर्झर की सुंदरता में –
अपना पथ न भूल जाना पथिक !

वेदना भरे हुए हृदय में,
घन कहीं कड़क रहे होंगे।
प्रिय!मिलन की आस लिए,
नैना बहुत तरस रहे होंगे?

तब मिलन के इंतजार में –
कहीं पथ भूल न जाना पथिक!

जब तेरी सभी अभिलाषाएं,
क्षण भर में ढह जाएंगी।
तब मन के कोने में केवल,
यादें ही सिर्फ़ रह जाएंगी?

जब तुम उन यादों में—
अपना पथ भूल न जाना पथिक!

सुषमा सिंह*उर्मि,,
कानपुर

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 398 Views
Books from Sushma Singh
View all

You may also like these posts

गुनाह है क्या किसी से यूँ
गुनाह है क्या किसी से यूँ
gurudeenverma198
Shankar Dwivedi (July 21, 1941 – July 27, 1981) was a promin
Shankar Dwivedi (July 21, 1941 – July 27, 1981) was a promin
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
हंस रहा हूं मैं तेरी नजरों को देखकर
हंस रहा हूं मैं तेरी नजरों को देखकर
भरत कुमार सोलंकी
ये पीड़ित कौन है?
ये पीड़ित कौन है?
सोनू हंस
हर सुबह जन्म लेकर,रात को खत्म हो जाती हूं
हर सुबह जन्म लेकर,रात को खत्म हो जाती हूं
Pramila sultan
कपट नहीं कर सकता सच्चा मित्र
कपट नहीं कर सकता सच्चा मित्र
Acharya Shilak Ram
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ये जिंदगी गुलाल सी तुमसे मिले जो साज में
ये जिंदगी गुलाल सी तुमसे मिले जो साज में
©️ दामिनी नारायण सिंह
I don't listen the people
I don't listen the people
VINOD CHAUHAN
वो चुपचाप आए और एक बार फिर खेला कर गए !
वो चुपचाप आए और एक बार फिर खेला कर गए !
सुशील कुमार 'नवीन'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
नशा
नशा
राकेश पाठक कठारा
"शमा और परवाना"
Dr. Kishan tandon kranti
" पलास "
Pushpraj Anant
शेर
शेर
Abhishek Soni
हरियाली तीज।
हरियाली तीज।
Priya princess panwar
उमड़ते जज्बातों में,
उमड़ते जज्बातों में,
Niharika Verma
लोकतन्त्र के मंदिर की तामीर बदल दी हमने।
लोकतन्त्र के मंदिर की तामीर बदल दी हमने।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
25. Dream
25. Dream
Ahtesham Ahmad
नारी-शक्ति के प्रतीक हैं दुर्गा के नौ रूप
नारी-शक्ति के प्रतीक हैं दुर्गा के नौ रूप
कवि रमेशराज
इश्क़ लिखने पढ़ने में उलझ गया,
इश्क़ लिखने पढ़ने में उलझ गया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आप वो नहीं है जो आप खुद को समझते है बल्कि आप वही जो दुनिया आ
आप वो नहीं है जो आप खुद को समझते है बल्कि आप वही जो दुनिया आ
Rj Anand Prajapati
सुरक्षित भविष्य
सुरक्षित भविष्य
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गुलाब
गुलाब
लोकनाथ ताण्डेय ''मधुर''
हिजरत - चार मिसरे
हिजरत - चार मिसरे
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
प्रेम पाना,नियति है..
प्रेम पाना,नियति है..
पूर्वार्थ
कुरसी महिमा धत्ता छंद
कुरसी महिमा धत्ता छंद
guru saxena
नव वर्ष
नव वर्ष
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
स्वतंत्रता दिवस और सेकुलर साहेब जी
स्वतंत्रता दिवस और सेकुलर साहेब जी
Dr MusafiR BaithA
आषाढ़ के मेघ
आषाढ़ के मेघ
Saraswati Bajpai
Loading...