तितली और कॉकरोच
तितली और कॉकरोच
भयभीत हो गई नाजुक सी लड़की,
कॉकरोच का देखा जब स्वरूप।
भाई ने डंडे से प्रहार किया तब,
पा गया साहसी, निडर होने का प्रतिरूप।
शाम को बगीचे में जब वह,
पकड़ तितली ले ली जान।
कांप उठा हृदय बहन का,
साहसी बन गया निष्ठुर, निर्दय इंसान।
बिंदेश कुमार झा