Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Sep 2023 · 1 min read

Xhazal

سچ کے ساتھ کھڑے ہوتے ہیں
اچھے لوگ برے ہوتے ہیں

ہاتھوں میں ہتھیار ہو جن کے
اپنے آپ ڈرے ہوتے ہیں

دھاگا ندیا عشق مروت
سب کے دوم سرے ہوتے ہیں

جھومر بالا گال کو چومے
یہ سب کون ترے ہوتے ہیں

سچ کو آنچ نہیں آتی ہے
سچ کے لوگ کھرے ہوتے ہیں

شاہ کی بات محبت والی
جل کے لوگ برے ہوتے ہیں

सच के साथ खड़े होते हैं
अच्छे लोग बुरे होते हैं

हाथों में हथियार है जिनके
अपने आप डरे हो ते हैं

धागा नदिया इश़क् मुरव्वत
सब के दोम सिरे होते हैं

झूमर बाला गाल को चूमे
ये सब कौन तिरे होते हैं

सच को आंच नहीं आती है
सच के लोग खरे होते हैं

शाह की बात मुहब्बत वाली
जल के लोग बुरे ‌ होते हैं

शहाब उद्दीन शाह क़न्नौजी

Language: Hindi
80 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"मेरी जिम्मेदारी "
Pushpraj Anant
"शिलालेख "
Slok maurya "umang"
गुमनाम राही
गुमनाम राही
AMRESH KUMAR VERMA
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
My City
My City
Aman Kumar Holy
जीवन तब विराम
जीवन तब विराम
Dr fauzia Naseem shad
ये रंगो सा घुल मिल जाना,वो खुशियों भरा इजहार कर जाना ,फिजाओं
ये रंगो सा घुल मिल जाना,वो खुशियों भरा इजहार कर जाना ,फिजाओं
Shashi kala vyas
Under this naked sky, I wish to hold you in my arms tight.
Under this naked sky, I wish to hold you in my arms tight.
Manisha Manjari
वह दे गई मेरे हिस्से
वह दे गई मेरे हिस्से
श्याम सिंह बिष्ट
सरकारों के बस में होता हालतों को सुधारना तो अब तक की सरकारें
सरकारों के बस में होता हालतों को सुधारना तो अब तक की सरकारें
REVATI RAMAN PANDEY
सविधान दिवस
सविधान दिवस
Ranjeet kumar patre
पद्धरि छंद ,अरिल्ल छंद , अड़िल्ल छंद विधान व उदाहरण
पद्धरि छंद ,अरिल्ल छंद , अड़िल्ल छंद विधान व उदाहरण
Subhash Singhai
*सुनिए बारिश का मधुर, बिखर रहा संगीत (कुंडलिया)*
*सुनिए बारिश का मधुर, बिखर रहा संगीत (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
प्रेम अंधा होता है मां बाप नहीं
प्रेम अंधा होता है मां बाप नहीं
Manoj Mahato
विश्व वरिष्ठ दिवस
विश्व वरिष्ठ दिवस
Ram Krishan Rastogi
‘ विरोधरस ‘---10. || विरोधरस के सात्विक अनुभाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---10. || विरोधरस के सात्विक अनुभाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
दर्शन की ललक
दर्शन की ललक
Neelam Sharma
हर बात पे ‘अच्छा’ कहना…
हर बात पे ‘अच्छा’ कहना…
Keshav kishor Kumar
23/180.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/180.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
🌺प्रेम कौतुक-206🌺
🌺प्रेम कौतुक-206🌺
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सबके सामने रहती है,
सबके सामने रहती है,
लक्ष्मी सिंह
Image of Ranjeet Kumar Shukla
Image of Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
ईश्वर नाम रख लेने से, तुम ईश्वर ना हो जाओगे,
ईश्वर नाम रख लेने से, तुम ईश्वर ना हो जाओगे,
Anand Kumar
बहें हैं स्वप्न आँखों से अनेकों
बहें हैं स्वप्न आँखों से अनेकों
सिद्धार्थ गोरखपुरी
तुम मेरी किताबो की तरह हो,
तुम मेरी किताबो की तरह हो,
Vishal babu (vishu)
#क़तआ (मुक्तक)
#क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
आतंकवाद सारी हदें पार कर गया है
आतंकवाद सारी हदें पार कर गया है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
वसंत - फाग का राग है
वसंत - फाग का राग है
Atul "Krishn"
वो अजनबी झोंका
वो अजनबी झोंका
Shyam Sundar Subramanian
नमन मंच
नमन मंच
Neeraj Agarwal
Loading...