तस्वीर तुम इनकी अच्छी बनाओ
तस्वीर तुम इनकी अच्छी बनाओ, राह तुम सही इनको दिखाओ।
अपने वतन की ये तकदीर है, तस्वीर वतन की तुम इनको बनाओ।।
तस्वीर तुम इनकी अच्छी ——————————।।
क्या है हकीकत, ये अनजान है, मासूम है और नादान है।
मत मुरझाओ तुम इन फूलों को, बहारे- चमन तुम इनको बनाओ।।
तस्वीर तुम इनकी अच्छी ——————————।।
मंजिल क्या है, मालूम नहीं इनको, मकसद जीवन का समझाओ इनको।
बहकाओ नहीं इनको तुम लक्ष्य से, मंजिल जीवन की इनको बताओ।।
तस्वीर तुम इनकी अच्छी ———————————।।
समझो नहीं इनको कभी तुम पराया, अपनी तरह ये भी इंसान है।
कहकर पराया इनको रुलाओ नहीं तुम, आँखों के सपनें तुम इनको बनाओ।।
तस्वीर तुम इनकी अच्छी ———————————।।
सीखे सबसे ये मिलकर रहना, छोटा किसी को खुद से माने नहीं।
दुश्मन किसी को ये माने नहीं, रखवाले वतन का तुम इनको बनाओ।।
तस्वीर तुम इनकी अच्छी ——————————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)