“तवा”
“तवा”
प्रकृति के आरम्भ से ही
तवा गर्म होता आया है,
अपने आकर्षण से
चूल्हों को जलाया है।
गर्म तवे की सनद
मन को सुकून दे जाती है,
अगली सुबह उठने के लिए
निंदिया को बुलाती है।
“तवा”
प्रकृति के आरम्भ से ही
तवा गर्म होता आया है,
अपने आकर्षण से
चूल्हों को जलाया है।
गर्म तवे की सनद
मन को सुकून दे जाती है,
अगली सुबह उठने के लिए
निंदिया को बुलाती है।