Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2024 · 1 min read

चलो मनाएं नया साल… मगर किसलिए?

चलो मनाएं नया साल
मगर किसलिए?

मानो तो हर दिन
नया सवेरा लेकर आता है
न मानो तो नया साल भी देखो
वही पुरानी दास्तां आगे बढाता है।

वही सपने हैं, वही आदमी पुराना,
वही घर है,वही दफ्तर पुराना,
हां रौनक जरूर बदली है
लोगों के चेहरों की
नया साल मुबारक़ करते करते।

फिर भी वो ही चिंताऐं
दिमाग को घेरे हैं
जो कल भी ऐसे ही सताती थीं।

फिर नया क्या हुआ इसमें
जब हमारी मजबूरियां न बदली

नया साल मनाओ मगर जब
आपकी माली हालत सुधर जाए,
डूबती नैया को साहिल मिल जाए,
किसान को बर्बादी का डर न सताए,
जवान को दुश्मन का प्रेम पत्र आए।

जब मेरे देश में कोई भूखा न सोये,
जब मेरे देश में कोई कपडे को न तरसे
जब कोई रह में भीख न मांगे
जब कोई नागरिक दुनिया का
शरणार्थी बनने को मज़बूर न हो

जब कोई साथी हमारा
मानवाधिकारों से वंचित न होl

उस दिन मनाएंगे हम भी नया साल
जब नहीं तरसेगा कोई
खाना, पढ़ना, दवा और मकान को

मेरे देश में, आना तुम भी
हम भी कहेंगे तब
आओ चलो मनाये नया साल.

©️ रचना ‘मोहिनी’

2 Likes · 33 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मतदान से, हर संकट जायेगा;
मतदान से, हर संकट जायेगा;
पंकज कुमार कर्ण
तु शिव,तु हे त्रिकालदर्शी
तु शिव,तु हे त्रिकालदर्शी
Swami Ganganiya
कली से खिल कर जब गुलाब हुआ
कली से खिल कर जब गुलाब हुआ
नेताम आर सी
सूरज ढल रहा हैं।
सूरज ढल रहा हैं।
Neeraj Agarwal
सही पंथ पर चले जो
सही पंथ पर चले जो
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Dating Affirmations:
Dating Affirmations:
पूर्वार्थ
* नहीं पिघलते *
* नहीं पिघलते *
surenderpal vaidya
जिन्दगी का मामला।
जिन्दगी का मामला।
Taj Mohammad
*जनसेवा अब शब्दकोश में फरमाती आराम है (गीतिका)*
*जनसेवा अब शब्दकोश में फरमाती आराम है (गीतिका)*
Ravi Prakash
■ तजुर्बे की बात।
■ तजुर्बे की बात।
*प्रणय प्रभात*
पिता
पिता
Mamta Rani
दौर ऐसा हैं
दौर ऐसा हैं
SHAMA PARVEEN
वृंदा तुलसी पेड़ स्वरूपा
वृंदा तुलसी पेड़ स्वरूपा
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
23/63.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/63.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*
*"देश की आत्मा है हिंदी"*
Shashi kala vyas
मैं हूं ना
मैं हूं ना
Sunil Maheshwari
हर-सम्त देखा तो ख़ुद को बहुत अकेला पाया,
हर-सम्त देखा तो ख़ुद को बहुत अकेला पाया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*मेरा आसमां*
*मेरा आसमां*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ज़िंदगी को
ज़िंदगी को
Sangeeta Beniwal
प्रेम.....
प्रेम.....
हिमांशु Kulshrestha
कहाँ जाऊँ....?
कहाँ जाऊँ....?
Kanchan Khanna
एक ठंडी हवा का झोंका है बेटी: राकेश देवडे़ बिरसावादी
एक ठंडी हवा का झोंका है बेटी: राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
एक ही राम
एक ही राम
Satish Srijan
पहला अहसास
पहला अहसास
Falendra Sahu
पर्यावरण
पर्यावरण
Madhavi Srivastava
🌷🙏जय श्री राधे कृष्णा🙏🌷
🌷🙏जय श्री राधे कृष्णा🙏🌷
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
शहर की गर्मी में वो छांव याद आता है, मस्ती में बीता जहाँ बचप
शहर की गर्मी में वो छांव याद आता है, मस्ती में बीता जहाँ बचप
Shubham Pandey (S P)
सफलता
सफलता
Raju Gajbhiye
मोहब्बत में जीत कहां मिलती है,
मोहब्बत में जीत कहां मिलती है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
मैं  ज़्यादा  बोलती  हूँ  तुम भड़क जाते हो !
मैं ज़्यादा बोलती हूँ तुम भड़क जाते हो !
Neelofar Khan
Loading...