तलाश में तेरी हमने जिंदगी बिता दी
जिसे ढूंढ़ने की तलाश में , हम पूरी जिंदगी बिता देते हैं ,
इन खामोशियों को हम अक्सर ,यूँ ही छिपा देते हैं .
ना जाने वो ख़ुशी किस तरह ,इठलाते हुए हमारे द्वार पर आयेगी ,
ये सोचते हुए हम बहुत से ,खूबसूरत पलों को गवाँ देते हैं .
ये वो मासूमियत है ,जिसे किसी मासूम बच्चे से पूछो ?
ये वो शख्शियत है ,जिसकी पहचान है उसी से पूछो .
ये वो काबिलियत है ,जिसे पाने का लालच हर व्यक्ति के मन में है ,
और ये तो उस खुद की इनायत है ,जिसकी रियासत है उसी से पूछो ?
जिसके एहसास की खुशबू से ,हर फूल खिल उठता है ,
जिसके रहवास से घर का ,कोना -कोना महक उठता है .
ये तो वो सुनहरा पंछी है ,जिसका कोई ठिकाना नहीं ,
पर जहाँ भी ठहरता है ,मुस्कराहट की लड़ियाँ बिखेर देता है .
इस जीवन के समंदर का ,ये वो प्यारा किनारा है ,
जिसको लहरों ने अपने ,आशियाने से सँवारा है .
इस प्यारे से सागर का ,न कोई ओर न ही कोई छोर है ,
उस बरसती हुई बगिया में ,ख़ुशी तो एक नाचता हुआ मोर है …