Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

तरंगिणी की दास्ताँ

नदियों के लहरों की प्राकृतिक सुखद अनुभूति,
दिल को आनंदित करे है अथाह जल विभूति।

पानी की लहरों से मानो गुजरती चतुर्दिक राहें,
हर नदी के हृदय में डूबी सैकड़ों सिसकियाँ और चाहें ।

नदियों के किनारों पर बसी घाटों की शांतिमय कांति,
मंदिरों के घंटियों की सुरीली आवाज दे सभी को विश्रांतिI

नदियों की लहरों में छुपी ऐतिहासिक रहस्यमयी कहानियां ,
जो कही ना सुनी किसीने, वक्त के पन्नों पर अंकित निशानियाँI

देखा है क्या तुमने उन नदियों पर थिरकती रौशनी कभी,
झूमती अल्हड़ हिल्लोल क्षितिज की बाँहों में डोलती सभी।

Language: Hindi
48 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
View all
You may also like:
कुप्रथाएं.......एक सच
कुप्रथाएं.......एक सच
Neeraj Agarwal
अल्फ़ाजी
अल्फ़ाजी
Mahender Singh
2581.पूर्णिका
2581.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
#एकताको_अंकगणित
#एकताको_अंकगणित
NEWS AROUND (SAPTARI,PHAKIRA, NEPAL)
इतने दिनों के बाद
इतने दिनों के बाद
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
*लव यू ज़िंदगी*
*लव यू ज़िंदगी*
sudhir kumar
जब कोई न था तेरा तो बहुत अज़ीज़ थे हम तुझे....
जब कोई न था तेरा तो बहुत अज़ीज़ थे हम तुझे....
पूर्वार्थ
नील पदम् के दोहे
नील पदम् के दोहे
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
"नृत्य आत्मा की भाषा है। आत्मा और परमात्मा के बीच अन्तरसंवाद
*प्रणय प्रभात*
உனக்கு என்னை
உனக்கு என்னை
Otteri Selvakumar
धरा हमारी स्वच्छ हो, सबका हो उत्कर्ष।
धरा हमारी स्वच्छ हो, सबका हो उत्कर्ष।
surenderpal vaidya
आपका स्नेह पाया, शब्द ही कम पड़ गये।।
आपका स्नेह पाया, शब्द ही कम पड़ गये।।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
*अच्छे बच्चे (बाल कविता)*
*अच्छे बच्चे (बाल कविता)*
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
SURYA PRAKASH SHARMA
फिर क्यूँ मुझे?
फिर क्यूँ मुझे?
Pratibha Pandey
मंत्र की ताकत
मंत्र की ताकत
Rakesh Bahanwal
नफरतों के जहां में मोहब्बत के फूल उगाकर तो देखो
नफरतों के जहां में मोहब्बत के फूल उगाकर तो देखो
VINOD CHAUHAN
कभी ख़ुशी कभी ग़म
कभी ख़ुशी कभी ग़म
Dr. Rajeev Jain
News
News
बुलंद न्यूज़ news
**कविता: आम आदमी की कहानी**
**कविता: आम आदमी की कहानी**
Dr Mukesh 'Aseemit'
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
क्या हैं हम...
क्या हैं हम...
हिमांशु Kulshrestha
शतरंज
शतरंज
भवेश
सुना है नींदे चुराते हैं ख्वाब में आकर।
सुना है नींदे चुराते हैं ख्वाब में आकर।
Phool gufran
"इम्तहान"
Dr. Kishan tandon kranti
भारी पहाड़ सा बोझ कुछ हल्का हो जाए
भारी पहाड़ सा बोझ कुछ हल्का हो जाए
शेखर सिंह
जैसे-जैसे दिन ढला,
जैसे-जैसे दिन ढला,
sushil sarna
किसी को घर, तो किसी को रंग महलों में बुलाती है,
किसी को घर, तो किसी को रंग महलों में बुलाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कर दो मेरे शहर का नाम
कर दो मेरे शहर का नाम "कल्पनाथ"
Anand Kumar
पैसे कमाने के लिए लोग नीचे तक गिर जाते हैं,
पैसे कमाने के लिए लोग नीचे तक गिर जाते हैं,
Ajit Kumar "Karn"
Loading...