Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 May 2024 · 1 min read

चाहे जितनी देर लगे

कण-कण का कल्याण करे,
रोम-रोम में होता है बसा,
ऐसी है निराकार की कथा,
देता है वह अंत में स्वतः,
करता है जो भक्ति सदा।
चाहे जितनी देर लगे……।।

मन में वह यदि रमता है,
ह्रदय में जब भी बसता है,
ओठों से जो नाम है जापे,
हाथोंं से जो करें सेवा,
रखता है वह ध्यान सदा।
चाहे जितनी देर लगे……।।

करता है वह अपनी कृपा,
चलता है वह संग सदा,
याद करें जो हर पल उसकी,
बाँटे है जो ज्ञान उसकी,
करता है उसका ही भला।
चाहे जितनी देर लगे……।।

रूप न उसका कोई जाने,
आँखों से कोई न पहचाने,।
वो तो खोजे प्रेम का सागर,
प्रेम की नदिया मिलती जहाँ आकर,
भरता है जो प्रेम का गागर ।
चाहे जितनी देर लगे।……।।

आँसू देख वहीं है पोछे,
जिसका आँसू कोई न पोछे,
कैसे रोने देगा भक्तों को,
श्रद्धा से पाया है उनको,
मिलन तो होना है एक रोज।
चाहे जितनी देर लगे……..।।

रचनाकार ✍🏼
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।

1 Like · 19 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Buddha Prakash
View all
You may also like:
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मैं तो महज एहसास हूँ
मैं तो महज एहसास हूँ
VINOD CHAUHAN
आज़ाद जयंती
आज़ाद जयंती
Satish Srijan
समय ही अहंकार को पैदा करता है और समय ही अहंकार को खत्म करता
समय ही अहंकार को पैदा करता है और समय ही अहंकार को खत्म करता
Rj Anand Prajapati
*युद्ध*
*युद्ध*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"रातरानी"
Ekta chitrangini
डर डर के उड़ रहे पंछी
डर डर के उड़ रहे पंछी
डॉ. शिव लहरी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
सरसी छंद और विधाएं
सरसी छंद और विधाएं
Subhash Singhai
फिर एक समस्या
फिर एक समस्या
A🇨🇭maanush
सत्यं शिवम सुंदरम!!
सत्यं शिवम सुंदरम!!
ओनिका सेतिया 'अनु '
............
............
शेखर सिंह
मुकाम यू ही मिलते जाएंगे,
मुकाम यू ही मिलते जाएंगे,
Buddha Prakash
एक उलझन में हूं मैं
एक उलझन में हूं मैं
हिमांशु Kulshrestha
हर एक से छूटा है राहों में अक्सर.......
हर एक से छूटा है राहों में अक्सर.......
कवि दीपक बवेजा
जय मातु! ब्रह्मचारिणी,
जय मातु! ब्रह्मचारिणी,
Neelam Sharma
"खेलों के महत्तम से"
Dr. Kishan tandon kranti
मायका
मायका
Mukesh Kumar Sonkar
।। आशा और आकांक्षा ।।
।। आशा और आकांक्षा ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
उदास हो गयी धूप ......
उदास हो गयी धूप ......
sushil sarna
चलो रे काका वोट देने
चलो रे काका वोट देने
gurudeenverma198
इतने दिनों बाद आज मुलाकात हुईं,
इतने दिनों बाद आज मुलाकात हुईं,
Stuti tiwari
■ मानवता से दानवता की ओर जाना काहे का विकास?₹
■ मानवता से दानवता की ओर जाना काहे का विकास?₹
*प्रणय प्रभात*
"कथा" - व्यथा की लिखना - मुश्किल है
Atul "Krishn"
मेरी ख़्वाहिशों में बहुत दम है
मेरी ख़्वाहिशों में बहुत दम है
Mamta Singh Devaa
कद्र जिनकी अब नहीं वो भी हीरा थे कभी
कद्र जिनकी अब नहीं वो भी हीरा थे कभी
Mahesh Tiwari 'Ayan'
बचपन बेटी रूप में
बचपन बेटी रूप में
लक्ष्मी सिंह
हिम्मत कर लड़,
हिम्मत कर लड़,
पूर्वार्थ
बाल कविता: लाल भारती माँ के हैं हम
बाल कविता: लाल भारती माँ के हैं हम
नाथ सोनांचली
राह पर चलना पथिक अविराम।
राह पर चलना पथिक अविराम।
Anil Mishra Prahari
Loading...