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6 Apr 2018 · 1 min read

तपन जाति के नाम की

वेदनाओं की तपन में पला बड़ा
एक नाम के साथ दूसरे नाम से जुड़ा हूँ।
गरमाती रही जिसकी गूंज मुझे
जलता रहा उन नामो की जलन से
सबके बीच में रहा, पर रहा कटघरे में
समृद्ध था मैं, धन-धान्य से,फिर भी,
झुझता रहा कुछ हिस्से के लिए।
पहले इस नाम मे मेरा उद्धार छिपा था
अब तो फल-फूल गया हूं–
क्या करुगा कुछ हिस्सों का,
अब छोड़ दूं ये हिस्से गर मै,
तो पनपते हुए छोटे पौधों को जीवन दूँगा।
ये नाम मेरी पहचान नही हो सकती
ये नाम मुझे गौरवान्वित नही कर सकता।
मै योग्य हूँ, सक्षम बन हर सोच का खंडन करुगा।
मैं अब किसी नाम की कोई छाया नही बनुगा।

निधि

Language: Hindi
446 Views
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