” डिग्रियाँ “
” डिग्रियाँ ”
सिर्फ तालीम के खर्चे की रसीदें हैं डिग्रियाँ,
चरित्र में झलके जो वो होती असल डिग्रियाँ।
आज बँट रही हैं थोक में कई- कई डिग्रियाँ,
मत लो बे-मतलब की यारों कागजी डिग्रियाँ।
” डिग्रियाँ ”
सिर्फ तालीम के खर्चे की रसीदें हैं डिग्रियाँ,
चरित्र में झलके जो वो होती असल डिग्रियाँ।
आज बँट रही हैं थोक में कई- कई डिग्रियाँ,
मत लो बे-मतलब की यारों कागजी डिग्रियाँ।