ट्रेन दुर्घटना
देखो हमारे ख्वाब कैसे बिखर गए,
हाथ मै टिकट था मगर हम घर नही गए ।
सफर शुरू किया था की घर जायेंगे,
ये किसने सोचा था की मर जायेंगे ।
रो रहा था बहुत परेशान था वह सबसे पूछ रहा था,
एक बाप लाशों के ढेर में अपना बेटा ढूँढ रहा था।
देखो हमारे ख्वाब कैसे बिखर गए,
हाथ मै टिकट था मगर हम घर नही गए ।
सफर शुरू किया था की घर जायेंगे,
ये किसने सोचा था की मर जायेंगे ।
रो रहा था बहुत परेशान था वह सबसे पूछ रहा था,
एक बाप लाशों के ढेर में अपना बेटा ढूँढ रहा था।