Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jun 2022 · 2 min read

टोकरी में छोकरी / (समकालीन गीत)

टोकरी में
छोकरी है,
छोकरी में
टोकरी है ।
छोकरी ही
टोकरी है,
टोकरी ही
छोकरी है ।

चली जाती
छन छना छन
कारखाने ।
बीड़ियाँ
अपनी भुनाने ।
बीड़ियों में
दर्द घर का ,
टोकरी में
पड़ा सरका ।
बेच देगी
आज उसको
और खुशियाँ
क्रय करेगी ।
पीर की
अविरल नदी ये
आज खुशियाँ
ले, बहेगी ।
किंतु यह क्या ?
बीड़ियाँ
छाँटीं गई हैं ,
दाम भी
काटे गए हैं ।
मिल गए हैं
दाम आधे
और कुछ
पत्ते पुराने
तल्ख़,सूखे
औ’ निरूखे ।
मिल गए
जरदे के टुकड़े ।
जुड़ गए
कुछ और दुखड़े ।
साथ ले कुछ
तल्ख़ियों को
और ताने,
फब्तियों को ।
लौट आई
घर पुराने ।
बीड़ियाँ
फिर से बनाने ।
बाँध सर पर
पोटरी है ।

पोटरी में
छोकरी है,
छोकरी में
पोटरी है ।
छोकरी ही
पोटरी है,
पोटरी ही
छोकरी है ।

छिन्न होती
कर्म-सृष्टि
टोकरी की
खिन्न होती
देह-यष्टि
छोकरी की ।
घूरता है
मूछबाला ;
सूँघता है
पूँछबाला ।
तोड़ता बीड़ी
मसलता ।
छोकरी का
दिल दहलता ।
काट लेता
पुनः पैसे ।
ऐंसे-वैंसे ,
जैसे-तैसे ।
दर्द की कुछ
गर्द लेकर ।
जा रही अब
छोकरी घर ।
वय तरुण है
लग रही, पर
डोकरी है ।

डोकरी में
छोकरी है,
छोकरी में
डोकरी है ।
छोकरी ही
डोकरी है,
डोकरी ही
छोकरी है ।

तंग गलियाँ
मनचले हैं ।
दिल नहीं है
दिलजले हैं ।
सीटियाँ ये
बजाते हैं ।
बाप को ये
लजाते हैं ।
सहन करती
इनके ताने ।
रोज़ के
किस्से पुराने
लेके मन में
क्षीण तन में
जा रही घर
बीड़ियों में
स्वप्न बुनती ;
ज़िन्दगी का
दर्द चुनती
टोकरी ही
नौकरी है ।

नौकरी में
टोकरी है,
टोकरी में
नौकरी है ।
नौकरी ही
टोकरी है,
टोकरी ही
नौकरी है ।

—- ईश्वर दयाल गोस्वामी ।
छिरारी (रहली),सागर
मध्यप्रदेश ।

Language: Hindi
Tag: गीत
15 Likes · 22 Comments · 944 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ईश्वर दयाल गोस्वामी
View all

You may also like these posts

*बादल छाये नभ में काले*
*बादल छाये नभ में काले*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जीने को ज़िन्दगी के हक़दार वही तो हैं
जीने को ज़िन्दगी के हक़दार वही तो हैं
Dr fauzia Naseem shad
कत्थई गुलाब-शेष
कत्थई गुलाब-शेष
Shweta Soni
*वैदिक संस्कृति एक अरब छियानवे करोड़ वर्ष से अधिक पुरानी है:
*वैदिक संस्कृति एक अरब छियानवे करोड़ वर्ष से अधिक पुरानी है:
Ravi Prakash
संवेदनहीन
संवेदनहीन
अखिलेश 'अखिल'
A Departed Soul Can Never Come Again
A Departed Soul Can Never Come Again
Manisha Manjari
क्या पाना है, क्या खोना है
क्या पाना है, क्या खोना है
Chitra Bisht
कुछ अजीब है यह दुनिया यहां
कुछ अजीब है यह दुनिया यहां
Ranjeet kumar patre
बोलो जय जय सिया राम
बोलो जय जय सिया राम
उमा झा
‘प्रकृति से सीख’
‘प्रकृति से सीख’
Vivek Mishra
ये राम कृष्ण की जमीं, ये बुद्ध का मेरा वतन।
ये राम कृष्ण की जमीं, ये बुद्ध का मेरा वतन।
सत्य कुमार प्रेमी
अनजान राहें अनजान पथिक
अनजान राहें अनजान पथिक
SATPAL CHAUHAN
दिलाओ याद मत अब मुझको, गुजरा मेरा अतीत तुम
दिलाओ याद मत अब मुझको, गुजरा मेरा अतीत तुम
gurudeenverma198
खिलजी, बाबर और गजनवी के बंसजों देखो।
खिलजी, बाबर और गजनवी के बंसजों देखो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
ध्येय बिन कोई मंज़िल को पाता नहीं
ध्येय बिन कोई मंज़िल को पाता नहीं
Dr Archana Gupta
*बेवफ़ा से इश्क़*
*बेवफ़ा से इश्क़*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मेरे प्रिय पवनपुत्र हनुमान
मेरे प्रिय पवनपुत्र हनुमान
Anamika Tiwari 'annpurna '
बढ़ती तपीस
बढ़ती तपीस
शेखर सिंह
ना तो कला को सम्मान ,
ना तो कला को सम्मान ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
"वफादार"
Dr. Kishan tandon kranti
ब्रह्म तत्व है या पदार्थ या फिर दोनों..?
ब्रह्म तत्व है या पदार्थ या फिर दोनों..?
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
नशा छोडो
नशा छोडो
Rajesh Kumar Kaurav
कृष्ण हो तुम
कृष्ण हो तुम
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दुर्योधन की पीड़ा
दुर्योधन की पीड़ा
Paras Nath Jha
4089.💐 *पूर्णिका* 💐
4089.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
..
..
*प्रणय प्रभात*
थोड़ा सा आसमान ....
थोड़ा सा आसमान ....
sushil sarna
सुनो न..
सुनो न..
हिमांशु Kulshrestha
परीक्षा का भय
परीक्षा का भय
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
महाप्रयाण
महाप्रयाण
Shyam Sundar Subramanian
Loading...