Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Apr 2017 · 1 min read

टूटते ख्वाहिशों की जिन्दगी

दिखने में नायाब! मगर किसी भी क्षण ढहने को बेताब!
बेमिसाल, मगर टूटती हुई ख्वाहिशों की जिन्दगी!

अकस्मात् ही,
रुक से गए जैसे जिन्दगी के रास्ते,
मोहलत भी न मिली हो
ख्वाहिशों के परिंदों को ऊड़ने की जैसे!
रूठ जो गई थी
खुद उसकी ही सांसे उससे!
मोह के धागे सब टूट चुके थे उसके….

जैसे सरकती हुई बर्फ की पहाड़ी ढह गई हो कोई,
पत्तियों के कोर पर शबनमी बूंदों की सूखती सी लड़ी,
रेगिस्तान में बनता बिगरता रेत का टीला कोई!

कभी थे कितने
प्रभावशाली, जीवन्त,
गतिशीलताओं से भरे ये जिन्दगी के रास्ते,
निर्बाध उन्मुक्त,
उड़ान भरते थे ये ख्वाहिशों के परिंदे….
पर जैसे अब टूटी हो तन्द्रा,
माया के टूटे हों जाल,
विरक्त हुआ हो जीवन से जैसे…..

दिखने में नायाब! मगर किसी भी क्षण ढहने को बेताब!
बेमिसाल, मगर टूटती हुई ख्वाहिशों की जिन्दगी!

Language: Hindi
368 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्यासा के हुनर
प्यासा के हुनर
Vijay kumar Pandey
जीत मनु-विधान की / मुसाफ़िर बैठा
जीत मनु-विधान की / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
Tum to kahte the sath nibhaoge , tufano me bhi
Tum to kahte the sath nibhaoge , tufano me bhi
Sakshi Tripathi
लाईक और कॉमेंट्स
लाईक और कॉमेंट्स
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मुझसे बेज़ार ना करो खुद को
मुझसे बेज़ार ना करो खुद को
Shweta Soni
सावन भादो
सावन भादो
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
नींद ( 4 of 25)
नींद ( 4 of 25)
Kshma Urmila
आदमी के हालात कहां किसी के बस में होते हैं ।
आदमी के हालात कहां किसी के बस में होते हैं ।
sushil sarna
जुगनू
जुगनू
Gurdeep Saggu
केना  बुझब  मित्र आहाँ केँ कहियो नहिं गप्प केलहूँ !
केना बुझब मित्र आहाँ केँ कहियो नहिं गप्प केलहूँ !
DrLakshman Jha Parimal
"मन भी तो पंछी ठहरा"
Dr. Kishan tandon kranti
हिंदुस्तान जिंदाबाद
हिंदुस्तान जिंदाबाद
Aman Kumar Holy
सरकार बिक गई
सरकार बिक गई
साहित्य गौरव
डॉ ऋषि कुमार चतुर्वेदी (श्रद्धाँजलि लेख)
डॉ ऋषि कुमार चतुर्वेदी (श्रद्धाँजलि लेख)
Ravi Prakash
मोह मोह के चाव में
मोह मोह के चाव में
Harminder Kaur
जीभ/जिह्वा
जीभ/जिह्वा
लक्ष्मी सिंह
बुलडोज़र स्टेट का
बुलडोज़र स्टेट का
*Author प्रणय प्रभात*
यादों के तटबंध ( समीक्षा)
यादों के तटबंध ( समीक्षा)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
चाय की दुकान पर
चाय की दुकान पर
gurudeenverma198
राम नाम की धूम
राम नाम की धूम
surenderpal vaidya
💐प्रेम कौतुक-549💐
💐प्रेम कौतुक-549💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
उर्वशी कविता से...
उर्वशी कविता से...
Satish Srijan
रमेशराज के पर्यावरण-सुरक्षा सम्बन्धी बालगीत
रमेशराज के पर्यावरण-सुरक्षा सम्बन्धी बालगीत
कवि रमेशराज
देखिए मायका चाहे अमीर हो या गरीब
देखिए मायका चाहे अमीर हो या गरीब
शेखर सिंह
फनकार
फनकार
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
न जाने शोख हवाओं ने कैसी
न जाने शोख हवाओं ने कैसी
Anil Mishra Prahari
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*कुछ कहा न जाए*
*कुछ कहा न जाए*
Shashi kala vyas
मेरा चुप रहना मेरे जेहन मै क्या बैठ गया
मेरा चुप रहना मेरे जेहन मै क्या बैठ गया
पूर्वार्थ
सांवले मोहन को मेरे वो मोहन, देख लें ना इक दफ़ा
सांवले मोहन को मेरे वो मोहन, देख लें ना इक दफ़ा
The_dk_poetry
Loading...